नगर पंचायत उमरी कलाँ के मोैहल्ला आबिदपुरा में 30 से अधिक कच्चे मकान
पात्र होने के बावजूद गरीबों को नहीं मिला प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ
उमरी कलां में सियासी भेंट चढ़ गई मोदी की प्राथमिकता वाली योजना
जिम्मेदार अफसरों ने प्रधानमंत्री आवास योजना को उमरी कलां में किया फिसड्डी
जरीस मलिक
मुरादाबाद। केंद्र सरकार की प्राथमिकता में शुमार प्रधानमंत्री आवास योजना को मुरादाबाद के गरीब-तबके के लोग तरसे रहे है। पात्र होने के बावजूद उनको योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। स्थानीय नेताओं से लेकर डूडा विभाग के चक्कर लगाकर उनकी हिम्मत टूट चुकी है, सिर पर पक्की छत का सपना चकनाचूर हो चुका है।

ऐसी दयनीय स्थिति मुरादाबाद की नगर पंचायत उमरी कलां के वार्ड तीन आबिदपुरा के करीब 30 गरीब- मजदूर लोगों की है जिनके मकान कच्चे है जो किसी भी समय गिर सकते हैं। लगभग 10 लकड़ियो की छतों में नीचे से टेकन लगी हुई है। इन पात्र लोगों ने बताया कि हमने बार-बार प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ उठाने के लिए मांग की है परंतु बीते वर्षों में तत्कालीन जनप्रतिनिधियों ने हमारा सूची में नाम आने पर राजनीतिक ध्रुवीकरण को आधार मानकर सूची से नाम निकलवा दिया।

लगातार अपने मकान की स्थिति के बारे में जनप्रतिनिधियों एवं सरकारी विभाग के अधिकारियों से जाकर गुहार लगा रहे है लेकिन प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। यहां तक की मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर पर भी शिकायत दर्ज कर दी गई है परंतु अभी भी कोई सुनवाई नही होती दिख रही है। इन सभी बातों को देखते हुए यह प्रतीत होता है कि प्रशासन एक बड़ी घटनाओं का इंतजार कर रहा है जिस तरह से एक पूरी कंडीशन में लोगों के मकान गिराओ स्थिति में खड़े हुए हैं जो किसी भी समय गिर सकते हैं और उसमें दबकर किसी भी जान जा सकती है

प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री बार-बार सभी रैलियों में इस बात का जिक्र कर रहे हैं हमारे द्वारा प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री आवास योजना का लाभ गरीबों तक पहुंचाया जा रहा है मगर सरकार की योजना नगर पंचायत उमरी कला में खोखली होती नजर आ रही है। अभी भी लोग प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री योजना का लाभ उठाने के इंतजार में है।

क्या गरीबों को उनका पक्का आशियाना मिल पाएगा? क्या उनको पक्की छत सरकार दे पाएगी? क्या प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ सिर्फ अपात्र लोगों के लिए है? जरुरतमंद लोग इस योजना से वंचित रहेंगे? मोदी सरकार की गारंटी सिर्फ एक जुमला है?

सबका साथ सबका विकास का नारा सिर्फ चुनावी नारा है? कब तक प्रशासन यूहीं सोता रहेगा? जिम्मेदार अफसर पात्र लोगों की जगह अपात्र लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाते रहेंगे? अब देखना यह है की कब तक प्रशासन जागता है और इनको प्रधानमंत्री- मुख्यमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाता है।