मुरादाबाद (डेस्क)। चुनावी सत्ता संग्राम में मंडल की छह में से सिर्फ बिजनौर सीट पर प्रमुख दलों ने अपने पत्ते खोले हैं। यहां से भाजपा, सपा और बसपा अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। जबकि बाकी पांच सीटों पर अभी पर्दा है। रामपुर, संभल और मुरादाबाद लोकसभा सीट पर अभी सिर्फ एक-एक प्रत्याशी ही घोषित किए हैं।
मुरादाबाद छोड़कर भाजपा गठबंधन पांच सीटों पर प्रत्याशी उतार चुकी है। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने विपक्ष का सूपड़ा साफ कर दिया था। पार्टी ने मंडल की सभी छह सीटों पर जीत दर्ज की थी। 2019 के लोकसभा चुनाव का परिणाम 2014 के विपरीत रहा। भाजपा मंडल की सभी छह सीटें हार गई थी।
सपा, बसपा और रालोद गठबंधन को जीत मिली थी। मुरादाबाद, रामपुर, संभल पर सपा और बिजनौर, नगीना अमरोहा सीट पर बसपा के उम्मीदवार विजयी हुए थे। इस चुनाव में गठबंधन की तस्वीर बदल गई है। पिछला चुनाव मिलकर लड़ने वाली सपा, बसपा और रालोद अलग-अलग हो गई हैं। सपा और रालोद के गठबंधन के साथी बदल गए हैं।

सपा कांग्रेस तो रालोद भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी। जबकि बसपा ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
मंडल की अमरोहा सीट पर कांग्रेस तो बाकी पांच सीटों पर सपा उम्मीदवार चुनाव मैदान में होंगे। वहीं बिजनौर सीट रालोद के खाते में आई है। जबकि पांच सीटों पर भाजपा चुनाव लड़ेगी। उम्मीदवारों की घोषणा करने में भाजपा सबसे आगे रही है। भाजपा चार सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। सिर्फ मुरादाबाद सीट पर उम्मीदवार घोषित होना बाकी है।
वहीं बसपा ने अभी तीन और सपा ने सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं। स्थानीय जातिगत समीकरण को देखते हुए सपा, बसपा और रालोद ने बिजनौर सीट पर प्रत्याशी घोषित किए हैं। अगर इस सीट पर कोई बड़ा बदलाव नहींं हुआ या कोई बड़ा नेता चुनाव मैदान में नहीं उतरा तो बिजनौर में प्रमुख उम्मीदवारों की तस्वीर साफ है।
नगीना के सांसद गिरीश चंद्र को बसपा ने बनाया बुलंदशहर से प्रत्याशी, बसपा ने नगीना के सांसद को बुलंदशहर से मैदान में उतारा है। सोमवार को नगर के भूड़ रोड स्थित एक होटल में कार्यक्रम का आयोजन कर प्रत्याशी की घोषणा की गई। सोमवार को बसपा की ओर से भी लोकसभा सीट पर प्रत्याशी की घोषणा कर दी गई। मेरठ मंडल प्रभारी शमशुद्दीन राइन ने घोषणा की है कि पार्टी प्रमुख मायावती ने जिले में नगीना से सांसद गिरीश चंद्र जाटव को प्रत्याशी घोषित किया है।
प्रत्याशी की घोषणा होते ही पार्टी कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी की और प्रत्याशी को जीत दिलाने के लिए आवाज बुलंद की। गिरीश चंद्र ने कहा कि भाजपा सरकार के खिलाफ देश में माहौल बन रहा है और देश के लोग विकल्प के तौर पर बसपा की ओर देख रहे हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी बसपा को भाजपा और कांग्रेस के बाद सबसे अधिक वोट अधिक मिले थे। ऐसे में स्पष्ट है कि पार्टी की नीतियों से खुश लोग आज भी अपना वोट अन्य दलों की ओर शिफ्ट नहीं कर रहे हैं।