रामपुर (डेस्क)। डूंगरपुर के एक और मामले में गुरुवार को फैसला आ सकता है। जिसमें सपा नेता आजम खां समेत आठ लोगों को आरोपी बनाया गया था। मकानों पर बुलडोजर चलवाने के साथ ही घर में रखे रुपये लूटपाट करने का भी आरोप लगा था। जिसकी सुनवाई एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट में चल रही है।
गंज थाना क्षेत्र के मोहल्ला घेर मियां खां निवासी शफी बानो ने गंज थाने में 19 जुलाई 2019 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें महिला ने कहा था कि उसने वर्ष 2012 में 283 वर्ग मीटर जमीन खरीदी थी। जिसकी पक्की रजिस्ट्री उसके पास थी।

तीन फरवरी 2016 को रात में करीब 8 बजकर 15 मिनट पर नगर पालिका के पूर्व पालिकाध्यक्ष अजहर खां,रिटायर्ड सीओ सिटी आले हसन खां,रानू खां,ओमेंद्र सिंह चौहान, सपा नेता फिरोज खां, जिबरान खां, ठेकेदार बरकत अली, घर में घुस आए थे। उसके बाद सभी लोगों ने जबरन घर से निकालकर मकान पर बुलडोजर चलवा दिया था।
घर में रखे नौ हजार रुपये भी लूट कर ले गए थे। तहरीर के आधार पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर ली थी। बाद में विवेचना के दौरान आजम खां का नाम भी शामिल कर लिया गया था। जिसके बाद पुलिस ने चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी थी। जिसकी सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रही थी। इस मामले में अब गुरुवार को फैसला आ सकता है।
इन गवाहों के दर्ज हुए बयान
वादी शफीक बानो, करामत अली,रुबी,मोहम्मद शादाब, ऐहतेशाम,परवेंद्र सिंह,मोहम्मद असलम,श्रीकांत सत्यार्थी,रामकिशोर,गौतम, वीरपाल सिंह, रजिया, इंस्पेक्टर शरद पवार, धर्मेंद्र सिंह सोलंकी,रामवीर, अरविंद्र कुमार त्यागी।
दो बार में लगी भी चार्जशीट
डूंगरपुर के एक मामले में लगातार एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। इससे पहले पुलिस ने दो बार कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। जिसमें एक बार 16 अक्टूबर 2021 को चार्जशीट लगी थी। जबकि एक बार 12 मार्च 2021 को चार्जशीट लगी थी।
इसके अलावा 22 जुलाई 2022 को आरोप आजम खां, रानू खां, जिबरान नाासिर, बरकत अली, ओमेंद्र चौहान ,फिरोज खां आलेहसन पर तय हो गए थे। जबकि 11 जुलाई 2022 को अजहर खां पर आरोप तय हो गए थे।
18 मार्च को आजम खां सहित चार को हो चुकी सजा
डूंगरपुर के एक मामले में 18 मार्च को आजम खां को सात साल की सजा हो चुकी है जबकि आले हसन,बरकत अली,अजहर खां को पांच -पांच साल की सजा हो चुकी है। आजम खां सीतापुर जेल में बंद है। जबकि अन्य आरोपी भी जेल में बंद है।
डूंगरपुर से जुड़े एक मामले में गुरुवार को फैसला आ सकता है। इस मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रही थी।
कुमार सौरभी