इस प्रोजेक्ट का सबसे बड़ा फायदा जालौन जिले के 64 गांवों को होगा
जरीस मलिक
लखनऊ (डेस्क)। भारत सरकार दिन रात एक्सप्रेसवे और हाईवे का जाल बिछाने में लगी हुई है। आम जनता को मिल रही सुविधाओं के साथ-साथ पास लगती जमीनों की कीमतों में जैसे आग ही लग गई हो। बीते दिनों उत्तर प्रदेश में एक एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया गया है जहां इसके दोनों तरफ सोलर प्रोजेक्ट लगाने का प्लान बनाया जा रहा है। एक्सप्रेसवे शुरू होने के बाद अब सरकार सोलर प्रोजेक्ट के लिए जमीन का अधिग्रहण करने वाली है। जिससे यहां की जमीनों में भारी उछाल देखने को मिल रहा है।

बीते दिनों उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड सोलर एक्सप्रेसवे को शुरू कर दिया गया है। यूपी के इटावा से चित्रकूट जिले तक बना यह एक्सप्रेस बकरी बन 296 किलोमीटर लंबा और फोरलेन बनाया गया है। 28 महीने में तैयार हुए इस एक्सप्रेसवे के किनारे अब सरकार सोलर प्रोजेक्ट लगाने का प्लान बना रही है।
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उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत 550 मेगावाट बिजली बनाने का लक्ष्य है। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से करीब 1 लाख घरों तक बिजली पहुंचाई जाएगी। मुख्य एक्सप्रेसवे और सर्विस लेन के बीच बनी 20 मीटर पट्टी में सोलर पैनल लगाने का प्लान बनाया जा रहा है।
सरकार द्वारा सोलर पैनल लगाने के लिए एक्सप्रेस के किनारे जमीनों को चिन्हित कर लिया गया है और जल ही अधिग्रहण का काम शुरू हो जाएगा। इस खबर के चलते एक्सप्रेस वे किनारे जमीनों की कीमतों में उछाल देखने को मिलने लगा है।
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इस सोलर प्रोजेक्ट के चलते उत्तर प्रदेश के करीब। 100 गांव को सीधा फायदा मिलने वाला है। यह एक्सप्रेसवे 7 जिलों से होकर गुजरेगा और रास्ते में आने वाले करीब 100 गांव के एक लाख घरों को बिजली मिलेगी। इस प्रोजेक्ट का सबसे अधिक फायदा जालौन जिले को होगा। इस जिले के 64 गांव से जमीन अधिग्रहण किया जाएगा। इसके साथ-साथ चित्रकूट के 9, बांदा के 28, महोबा के 8 गांव, हमीरपुर के 29, ओरिया के 37 और इटावा के 7 गांव को सीधा लाभ मिलेगा।