Story: मां तो आखिर मां होती है। जी हां! एक मां अपने 21 वर्षीय बेटे को किडनी देकर नया जीवन देगी। इसके लिए जिला स्तरीय प्राधिकरण समिति में अनुमति दे दी है। तमाम बड़े अस्पतालों में इलाज करने के बाद भी सेहत में सुधार नहीं हुआ तो मां ने अपनी किडनी देने का फैसला कर लिया।
अब मेरठ के निजी हॉस्पिटल में अगले सप्ताह किडनी ट्रांसप्लांट किया जाएगा। अमरोहा देहात थानाक्षेत्र के मिलक बिकनी में कुलदीप कुमार का परिवार रहता है। प्राइवेट नौकरी कर पालन पोषण करने वाले कुलदीप कुमार के परिवार में पत्नी सविता के अलावा एक बेटा हर्ष चौधरी और एक बेटी है।
पढ़ाई में होनहार हर्ष चौधरी ने वर्ष 2022 में सीबीएसई बोर्ड से इंटर की परीक्षा 80 प्रतिशत से अधिक अंक पाकर उत्तीर्ण की थी। इसके बाद परिवार वालों ने ग्रेजुएशन के लिए उनका दाखिला कर दिया। लेकिन, तुरंत बाद हर्ष चौधरी की तबीयत बिगड़ गई।
दिल्ली, मेरठ के बड़े अस्पताल में इलाज कराया तो पता चला कि हर्ष की दोनों किडनी खराब हो गई है। परिवार के इकलौते बेटे की स्थिति को देखकर परिजन परेशान हो गए। उन्हें कुछ भी नहीं सूझ रहा था। तमाम प्रयास करने के बाद भी किडनी की व्यवस्था नहीं हो सकी।
जब मां सविता को बेटे की बीमारी की हकीकत पता चली तो उसने बेझिझक अपनी किडनी देने का फैसला कर लिया। जिसके बाद किडनी प्रत्यारोपण के लिए सीएमओ से अनुमति मांगी। कई दिन की प्रक्रिया के बाद शुक्रवार को जिला स्तरीय प्राधिकरण समिति ने भी किडनी प्रत्यारोपित के लिए अनुमति और एनओसी दे दी है।
किडनी ट्रांसप्लांट की अनुमति देने वाली समिति में सीएमओ डॉ, सत्यपाल सिंह, सदस्य एसीएमओ डॉ. सुनील कुमार, डॉ. बीआर गर्ग, डॉ. केएस सैनी और आसिफा आलमी एडवोकेट शामिल रहे।
हर्ष चौधरी की दोनों किडनी खराब हो गई हैं। उनका इलाज मेरठ के निजी हॉस्पिटल में चल रहा है। अपनी इच्छा से हर्ष चौधरी की मां सविता ने किडनी देने का फैसला लिया है। जिसके आधार पर किडनी प्रत्यारोपित के लिए अनुमति और एनओसी दे दी गई है।
- डॉ. एसपी सिंह, सीएमओ