//

सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष डीपी यादव की हत्या या आत्महत्या, पुलिस जांच में जुटी

14 mins read

यूपी पुलिस की नौकरी छोड़कर सियासत में रखा था कदम

मुरादाबाद (डेस्क)। मुरादाबाद की राजनीति में अच्छी पकड़ रखने वाले समाजवादी पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष डीपी यादव की गोली लगने से मौत हो गई। परिजन और पुलिस इस संशय में है कि ये हत्या है या आत्महत्या। फिलहाल पुलिस इस चर्चित घटना की जांच में जुटी है। अभी तक जो तथ्य सामने आए हैं वह आत्महत्या की ओर संकेत दे रहे हैं।

Trending video

समाजवादी पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष डीपी यादव यूपी पुलिस से सिपाही की नौकरी छोड़कर सियासत में कदम रखा था। इसके बाद वह पार्टी के कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे। लोकसभा चुनाव में जिलाध्यक्ष के पद से हटाए जाने के बाद वह मानसिक तनाव में चल रहे थे। उन्होंने घर से निकलना भी बहुत कम कर दिया था। मूल रूप से जनपद बिजनौर के रहने वाले डीपी यादव मझोला थाना क्षेत्र में बुद्धि विहार में रहते हैं।

Advertisement

समाजवादी पार्टी के पूर्व जिला महासचिव मुदस्सिर खान ने बताया कि डीपी यादव समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य थे। वह प्रदेश सचिव भी रहे हैं। इसके अलावा राज्यसभा सदस्य जावेद अली खान जिस समय मुरादाबाद में समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष थे, उनकी कमेटी में भी वह जिला महासचिव के पद पर रहे थे। इससे पहले भी उन्होंने जिलाध्यक्ष की कमेटी में महासचिव की भूमिका निभा चुके थे। चुनावों में कई जिलों के प्रभारी भी रहे।

लोक सभा चुनाव में जिलाध्यक्ष पद से हुए थे मुक्त
पंचायत चुनाव के दौरान कमेटी भंग चल रही थी। इसके बाद उन्हें जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंप गई थी। विधानसभा चुनाव-2022 में जिले में पांच विधायक चुने जाने के बाद उन्हें पुरस्कार स्वरूप दोबारा जिलाध्यक्ष पद की कमान सौंपी गई थी।

लेकिन, लोकसभा चुनाव के दौरान डाॅ. एसटी हसन के बजाय रुचि वीरा को प्रत्याशी बनाए जाने की बात का उन्होंने भी विरोध किया था और चुनाव प्रचार में भी शामिल नहीं हुए थे। इसकी शिकायत सपा प्रमुख अखिलेश यादव तक को हुई थी तो उन्होंने डीपी यादव को जिलाध्यक्ष पद से मुक्त कर उनके साले जयवीर सिंह को जिलाध्यक्ष बना दिया था।

पद से हटाए जाने से डीपी यादव व्यथित थे और पार्टी हाईकमान से बेहद नाराज चल रहे थे। इसी के बाद से उन्होंने घर से निकलना भी बिल्कुल बंद ही कर दिया था। चुनाव के दौरान भी उन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई और वह स्वयं भी प्रचार में भी दिखाई नहीं दिए।
सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता है बेटी मृतक डीपी यादव के परिवार में पत्नी, बेटी और बेटा है। बेटी अंजलि सुप्रीम कोर्ट में वकालत करने के साथ ही अपनी संस्था चलाती हैं, जो पीड़ित लड़कियों को न्यायिक मदद दिलाने का कार्य करती है। बेटा भी अधिवक्ता है।

Jarees malik

Sarkar Ki Kahani
M: 9997411800, 9719616444

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Latest from Blog