दादी को कंधों पर बैठाकर पोता कांवड़ यात्रा पर निकला, दूसरी तरफ गंगाजल रखा है जो वृद्धा के वजन के बराबर है। इस भावुक और प्रेरणादायक यात्रा की पूरी कहानी पढ़ें.
मुरादाबाद (डेस्क)। श्रावण मास के अंतिम सोमवार को शिवालयों पर जल अभिषेक करने के लिए बड़ी संख्या में शिव भक्त बृजघाट से गंगाजल लेकर रवाना हो रहे हैं। इसी कड़ी में मुरादाबाद के दिल्ली रोड-कांवड़ मार्ग पर अनोखी कांवड़ देखने को मिली। जिसमें मुरादाबाद निवासी एक पोता दादी को कंधों पर बैठाकर बृजघाट से कांवड़ लेकर चल पड़ा। इस कांवड़ में एक तरफ युवक ने दादी को बिठा रखा था, जबकि दूसरी तरफ उनके वजन के बराबर गंगाजल कांवड़ में था।
मुरादाबाद से होकर लाखों शिव भक्त बृजघाट और हरिद्वार जल लेने के लिए जाते हैं। सावन का आखिरी सोमवार भी नजदीक है। इसी क्रम में लाखों की तादाद में शिव भक्त कांवड़ और जल लेने निकले हैं। अब काफी लोगों की जल और कांवड़ यात्रा लगभग पूरी हो गई है। रविवार शाम तक सभी लोग अपने अपने क्षेत्र में पहुंच जायेंगे और सोमवार सुबह जल अभिषेक कर देंगे।
ऐसे में बृजघाट से होती हुई एक अनोखी कांवड़ यात्रा, मुरादाबाद- दिल्ली रोड कांवड़ मार्ग मार्ग में देखने को मिली। जहां एक मुरादाबाद का रहने वाला कांवड़िया अपनी दादी को कंधे पर बैठाकर कांवड़ बृजघाट से मुरादाबाद ला रहा है। मुरादाबाद निवासी मनीष ने कांवड़ में एक तरफ दादी को बिठा रखा था, जबकि दूसरी तरफ उनके वजन के बराबर गंगाजल रखा हुआ है।
पोते मनीष के साथ उसके साथी भी उसकी इस अनोखी कांवड़ यात्रा को सफल बनाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। बारी-बारी से कांवड़ उठाने में मदद कर रहे हैं, जिससे सफलतापूर्वक वह कांवड़ को उसके स्थान पहुंचा दें।