//

भारत में ब्रोकर गैंग चला रहा था दुबई का सरगना, ब्रोकर गैंग का युवक गिरफ्तार

13 mins read

डिजिटल अरेस्ट करने वाले गिरोह के दुबई निवासी सरगना के इशारे पर देश में उन्हें पैसे के लेन-देन के लिए बैंक खाते उपलब्ध कराने वाले ब्रोकर गैंग के चार जालसाजों को गिरफ्तार किया गया है। साइबर क्राइम थाने की पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए ब्रोकर गैंग का सरगना गुजरात के जामनगर के श्रीनाथजी मंदिर स्ट्रीट, महालक्ष्मी चैक निवासी पाटेलिया दिशांत है।

इस मामले में गिरफ्तार अन्य तीन आरोपियों की पहचान पाटेलिया के साथी जामनगर के लुहारसर भाटफली के दीपक दिनेश भाई जोगिया और भदोही के औराई थाने के पुरेमुडिया के नितिन पांडेय और फूलपुर थाना क्षेत्र के मंगारी के सत्यम मिश्रा के रूप में हुई है। आरोपियों के पास से आठ मोबाइल, 20 डेबिट कार्ड, 10 सिम कार्ड, छह सिम कार्ड रैपर, 13 एटीएम किट, 14 पासबुक और 6070 रुपये बरामद किए गए हैं।

डीसीपी गोमती जोन / क्राइम प्रमोद कुमार ने बताया कि 23 अक्तूबर 2024 सिंहापुर, हरहुआ निवासी अजय सिंह ने साइबर क्राइम पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। उनका आरोप है कि साइबर जालसाजों ने उनको बेहतर मुनाफे का फर्जी झांसा देकर उनका विभिन्न बैंकों में खाता खुलवाया। उन बैंक खातों से भारी मात्रा में पैसे का ट्रांजेक्शन किया गया। उन बैंक खाते को पुलिस द्वारा फ्रीज करा दिया गया।

मुकदमा दर्ज कर साइबर क्राइम थाना प्रभारी विजय नारायण मिश्र के नेतृत्व में इंस्पेक्टर विजय नारायण मिश्र, राकेश कुमार गौतम व अनीता सिंह और हेड कांस्टेबल आलोक कुमार सिंह व श्याम लाल गुप्ता की टीम ने जांच शुरू की। सर्विलांस, डिजिटल फुट प्रिंट का इस्तेमाल करते हुए बैंक खाता ब्रोकर गैंग के अंतरराष्ट्रीय सरगना सहित चार साइबर जालसाजों को चिह्नित कर उन्हें गिरफ्तार किया गया।

Trending Video

खाते में आने वाले पैसे का 30 प्रतिशत कमीशन मिलता है

आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि उनके द्वारा खुलवाए गए खातों में आने वाले पैसे का 30 प्रतिशत उन्हें मिलता है और वह उसे आपस में बांट लेते है। इसके लिए डिजिटल हाउस अरेस्ट और इन्वेस्टमेंट स्कैम गैंग के दुबई में बैठे सरगना से मीटिंग की जाती है। फिर, हाई लिमिट वाले बैंक खाते इंटरनेशनल एक्टिव एटीएम कार्ड, खातों में पंजीकृत सिमकार्ड आदि उपलब्ध कराने की डीलिंग होती है। इसके बाद इनके द्वारा देश के विभिन्न राज्यों और शहरों में अपना सिंडिकेट बनाया जाता है।

Jarees malik

Sarkar Ki Kahani
M: 9997411800, 9719616444

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Latest from Blog

डीएम साहब! उमरी के प्राइम अल्ट्रासाउंड सेंटर पर डाक्टर की गैरमौजूदगी में टैक्नीशियन कर रहा अल्ट्रासाउंड सेंटर

किराए की डिग्री पर किसने दिया पंजीकरण ? मुरादाबाद। जिले में पीसीपीएनडीटी एक्ट का खुलेआम जिलाधिकारी