धर्मनगरी के पास खेत में मिला घायल गुलदार, ड्रोन से किया गया रेस्क्यू ऑपरेशन
बिजनौर: शहर से छह किमी दूर स्थित धर्मनगरी के पास खेत में एक गुलदार तार के फंदे में फंस गया। वनकर्मियों ने बिना ट्रैक्यूलाइज कराए ही उसे फंदे से बाहर निकाला और पकड़ लिया। इसमें तीन वनकर्मी घायल हो गए। उनके साहस को देख वन संरक्षक ने पूरी टीम को सम्मानित भी किया। शुक्रवार की रात ग्रामीणों ग्राम धर्मनगरी के पास एक गन्ने के खेत में गुलदार के होने की सूचना दी। मौके पर पहुंची टीम ने गुलदार की तलाश शुरू कर दी। ड्रोन उड़ाया गया तो खेत में एक गुलदार दिख गया। ड्रोन कैमरे में वह किसी तार से बंध नजर आया।

इसके बाद रातभर टीम उसकी निगरानी करती रही। शनिवार की सुबह वन विभाग की टीम ने अभियान चला दिया। फंदे में फंसने के कारण गुलदार की हालत बिगड़ रही थी, उधर ट्रैंक्यूलाइज टीम भी नहीं पहुंची थी। ऐसे मे वन विभाग की टीम ने बिना ट्रैंक्यूलाइज किए ही गुलदार को पकड़ने के लिए अभियान चला दिया। टीम ने करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद गुलदार को पकड़ लिया और पिंजरे में बंद कर दिया। इस दौरान एक वनकर्मी ने बोतल से गुलदार को पिंजरे में पानी भी पिलाया। उसे लेकर टीम इंदिरा पार्क आ गए। डीएफओ ज्ञान सिंह ने बताया कि उच्चाधिकारियों को इसकी सूचना दे दी गई है। वहां से जो निर्देश मिलेंगे, उसी के अनुसार गुलदार को भेजा जाएगा। लोगों को जागरुक किया जा रहा है कि गुलदार देखे जाने पर सूचना दें।
वनकर्मियों के साहस दिखाने पर सम्मानित किया
डीएफओ ज्ञान सिंह ने बताया कि रेंजर महेश गौतम के निर्देश में वन दरोगा मदन पाल सिंह, हेमेंद्र सिंह, संजय सिंह राणा आदि गुलदार को पकड़ने गए थे। इस दौरान विवेक मोहन, संजय सिंह राणा और अनीश अहमद घायल हो गए। वन संरक्षक मुरादाबाद ने टीम के साहस को सरहाते हुए 11 हजार का इनाम दिया।
अब तक 70 गुलदार पकड़े गए
जिले में लगातार गुलदार देखे जाने के मामले सामने आ रहे हैं। अनुमान के मुताबिक जिले में 500 से ज्यादा गन्ने के खेतों में होने का अनुमान है। पिछले पौने दो साल में वन विभाग 70 गुलदार को पकड़कर चिड़ियाघर और रिजर्व फॉरेस्ट में छोड़ चुका है। इसके अलावा करीब 30 गुलदार की मौत आपसी संघर्ष, दुर्घटना और बीमारी से हो चुकी है।

नंबर गेम
500 से ज्यादा हो चुकी जिले में गुलदार की संख्या
50 से ज्यादा घायल हो चुके गुलदार के हमलों में
67 गुलदार अब तक पकड़े जा चुके हैं जिले में
35 गुलदार दुर्घटना, बीमारी और संघर्ष में मारे गए
जिले में 87 गांव संवेदनशील, अब संख्या और बढ़ेगी
बिजनौर। जिले में वन क्षेत्रों से लगे 22 गांवों को बाघों के लिए संवेदनशील घोषित किया गया है, वहीं गुलदार को लेकर संवेदनशील गांवों की संख्या अब बढ़कर 87 हो गई है। यह गांव वन क्षेत्र से लगे होने के अलावा जिलेभर के अलग-अलग हिस्सों में है। अब इनकी संख्सा और बढ़ने की संभावना है, क्योंकि लगातार गुलदार की संख्या बढ़ रही है।