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सपा के गढ़ में भाजपा की जीत: कुंदरकी में रामवीर ने तीसरी बार मुकाबले में रिजवान को हराया।

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भा.ज.पा. की बड़ी जीत: रामवीर ने मोहम्मद रिजवान को 144,742 वोटों से हराया।

भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी रामवीर सिंह ने सपा के प्रत्याशी और गढ़ कहे जाने वाले कुंदरकी में मोहम्मद रिजवान को हराकर नया इतिहास रच दिया है। यह तीसरी बार था जब रामवीर सिंह ने रिजवान के बीच मुकाबला हुआ। पहली बार भाजपा को यहां से जीत मिली। यह जीत रामवीर सिंह के लिए एक अहम राजनीतिक मील का पत्थर है बल्कि भाजपा के लिए भी कई मायनों में ऐतिहासिक है। रामवीर सिंह ने सपा के उम्मीदवार मोहम्मद रिजवान को 144742  वोटों से हराया। भाजपा को 170303 वोट जबकि रिजवान को 25,561 वोट मिले। मूंढापांडे के दाैलारी निवासी रामवीर सिंह ने 1993 में भाजपा से अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था। पार्टी में उन्होंने जिला महामंत्री की जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन किया। सीएम योगी के करीबियों में उनकी गिनती होती है। 2007 में रामवीर सिंह देहात विधानसभा सीट से चुनाव लड़े थे। इस चुनाव में सपा प्रत्याशी उस्मानुल हक को 49,194 मत और भाजपा प्रत्याशी रामवीर सिंह को 46,034 मत मिले थे। रामवीर सिंह लगभग तीन हजार मतों से चुनाव हार गए थे।

2012 में भाजपा ने रामवीर सिंह को कुंदरकी विधानसभा सीट से मैदान में उतारा था। इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी का मुकाबला सपा प्रत्याशी रिजवान से था। इस चुनाव में सपा को 81,302 और भाजपा को 64,101 मत मिले थे और रामवीर सिंह को एक बार फिर हार का सामना करना पड़ा था।  2017 में भाजपा ने रामवीर सिंह पर फिर भरोसा जताया और उन्हें कुंदरकी विधानसभा सीट से मैदान में उतारा। उनका मुकाबला सपा प्रत्याशी रिजवान से हुआ। रिजवान को 1,10,561 मत और भाजपा प्रत्याशी रामवीर सिंह को 99,740 वोट मिले थे। इस प्रकार रामवीर सिंह 10821 मत से दोबारा मोहम्मद रिजवान से चुनाव हार गए। हालांकि, भाजपा ने 2022 में कमल प्रजापति को चुनावी मैदान में उतारा, लेकिन प्रत्याशी बदलने के बाद भी परिणाम नहीं बदला और भाजपा प्रत्याशी को सपा प्रत्याशी जियाउर्रहमान बर्क से 42,998 मतों से चुनाव में हार मिली।

ब्लाॅक प्रमुख रह चुकी हैं रामवीर की पत्नी 

भाजपा प्रत्याशी ठाकुर रामवीर सिंह के पिता शिवराज सिंह मूंढापांडे सहकारी समिति के सभापति रहे हैं। वहीं उनके बड़े भाई जसवीर सिंह 35 साल तक गांव दौलारी के ग्राम प्रधान रह चुके हैं। दौलारी निवासी रामवीर सिंह ने एमए एलएलबी तक की पढ़ाई करने के बाद 1993 में भाजपा का दामन थामा। 1999 में किसान मोर्चा के महामंत्री रहे।

2005 में वह पार्टी के जिला महामंत्री। इसके अलावा 2015 में वार्ड 48 से जिला पंचायत सदस्य चुने गए। उनकी पत्नी संतोष कुमारी 2001 में मूंढापांडे की ब्लाॅक प्रमुख रह चुकी हैं। वर्तमान में वार्ड  31 से जिला पंचायत सदस्य हैं। रामवीर सिंह के भाई जयवीर सिंह भाकियू टिकैत गुट के जिला उपाध्यक्ष हैं। पांच भाइयों में रामवीर सबसे छोटे हैं।

Jarees malik

Sarkar Ki Kahani
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