एफआईआर में दर्ज हुआ गंभीर आरोप: विधायक के बेटे ने भीड़ से कहा- सांसद हमारे साथ हैं।
नेताओं ने राजनीतिक लाभ लेने के लिए संभल में बवाल कराया। पुलिस की ओर से संभल कोतवाली में दर्ज कराई गई एफआईआर में इस बात का जिक्र करते हुए कहा गया है कि सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने भड़काऊ भाषण दिया और विधायक के बेटे सुहेल इकबाल ने भीड़ से कहा कि सांसद अपने साथ हैं, मंसूबे पूरे कर लो। इसके कारण ही उपद्रव हुआ और गोली मारकर सीओ की हत्या की भी कोशिश की गई।

संभल कोतवाली में तैनात दरोगा दीपक राठी द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में कहा गया है कि चंदौसी स्थित सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट ने 19 नवंबर को टीम गठित कर संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वे करने का आदेश दिया था। 24 नवंबर की सुबह करीब नौ बजे सर्वे टीम सर्वे कर रही थी। इसी दौरान वह सीओ अनुज चौधरी और अन्य अधिकारी पुलिसकर्मियों के साथ जामा मस्जिद के गेट पर मौजूद थे। इसी दौरान 700-800 लोगों की भीड़ आ गई।
एफआईआर में इस बात का भी उल्लेख है कि 22 नवंबर को सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने जुमे की नमाज अदा करने के बाद बिना अनुमति के भीड़ को इकट्ठा कर भड़काऊ बयान दिया था। उन्होंने राजनीतिक लाभ के लिए सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए भीड़ को उग्र किया था। वहीं 24 नवंबर को सर्वे के दाैरान संभल से सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहेल इकबाल ने भीड़ को उकसाते हुए कहा कि सांसद बर्क हमारे साथ हैं। हम तुम्हें कुछ नहीं होने देंगे।
दरोगा का आरोप है कि इसके बाद ही भीड़ उग्र हो गई। सीओ ने कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए उन्हें शांत करने का प्रयास किया, लेकिन भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया। एक उपद्रवी ने सीओ अनुज चौधरी को गोली मार दी, जो सीओ के पैर में लगी। इस तहरीर के आधार पर कोतवाली संभल में केस दर्ज किया गया है।

संभल कोतवाली में दर्ज किए गए केस में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क और सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहेल इकबाल को नामजद करते हुए 700-800 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है। 22 नवंबर को सांसद ने जामा मस्जिद पर भड़काऊ बयान दिया था। 24 नवंबर को सुहेल इकबाल ने भीड़ को उकसाया। पूरे मामले की जांच की जा रही है।
– मुनिराज जी, डीआईजी
मैं लोगों की आवाज न उठा सकूं इसलिए मेरे खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। पूरे बवाल के जिम्मेदार पुलिस-प्रशासन के अधिकारी हैं। पांच लोगों की हत्या की गई है। ऐसे अधिकारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की जाए और जेल भेजा जाए। पूरे शहर की शांति को अधिकारियों ने खत्म किया है।
– जियाउर्रहमान बर्क, सांसद, संभल
मैं भीड़ में कहीं नहीं था। मेरे ऊपर लगाए गए आरोप गलत हैं। अधिकारियों ने घर में रहने के लिए कहा था, इसलिए मैं घर में ही था। हमने पुलिस-प्रशासन का हमेशा सहयोग किया है। अब गलत तरीके से मुझे इस बवाल में आरोपी बनाया गया है।
– सुहेल इकबाल, विधायक पुत्र
इन धाराओं में दर्ज हुईं एफआईआर
सभी सात एफआईआर बीएनएस की धारा 191(2), 191(3), 190, 221, 132, 125, 324(5), 196, 323(बी) और सार्वजनिक संपत्ति को क्षति पहुंचाने की धारा 3 और 5 के अतिरिक्त 326 (एफ) के तहत दर्ज की गई हैं। पुलिस द्वारा पांच एफआईआर संभल कोतवाली और दो नखासा थाने में दर्ज कराई गईं।