1.17 लाख की ठगी का मामला, राजस्थान निवासी ने दर्ज कराई शिकायत
फर्जी दुल्हन बनकर 1.17 लाख की धोखाधड़ी के मामले में लंका पुलिस ने गिरोह की लुटेरी दुल्हन समेत छह आरोपियों को सामनेघाट से मंगलवार को गिरफ्तार किया। सभी के पास से फर्जी आधार कार्ड और मोबाइल बरामद हुए। राजस्थान के रहने वाले पीड़ित ने धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया था। लंका इंस्पेक्टर शिवाकांत मिश्रा ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में राजस्थान के सिकरा निमका थाने क्षेत्र के पुरानबास निवासी सुमेर सिंह, टोक मालपुरा निवासी प्रसन कुमार, कौशांबी के मंझनपुर स्थित भ्रारस्वा निवासी अनिल और बिहार निवासी तीन महिलाएं शामिल हैं। रविवार को शादी हुई थी और सोमवार को पीड़ित ने मुकदमा दर्ज कराया था। सभी को जेल भेज दिया गया है।

पीड़ित घनश्याम के अनुसार सुमेर सिंह ने कहा था कि मेरी साली संगीता है। यदि तुम्हें पसंद होगी तो शादी करवा दूंगा। सुमेर की बात पर विश्वास कर अपने छोटे भाई महाबीर राम के साथ वाराणसी आया। सुमेर ने काशी विश्वनाथ मंदिर में संगीता से मिलवाया। मौके पर लड़की के फूफा अनिल, जीजा प्रसन कुमार, मां, बुआ मौजूद थीं। दुल्हन पसंद होने बाद लंका स्थित नगवा में एक मकान में ले जाकर शादी करवाई। शादी की रस्म पूरी होने के बाद दुल्हन की विदाई कराकर मंडुवाडीह पहुंचे तो लड़की बहाना बनाकर अपने कथित भाई के साथ बाइक पर बैठकर भाग निकली। धीरे-धीरे अन्य सभी लोग फरार हो गए। बाद में पता चला कि इन लोगों ने फर्जीवाड़ा कर एक लाख सत्रह हजार रुपये ले लिए हैं। यह लोग लड़की के रिश्तेदार नहीं थे बल्कि गैंग के सदस्य थे।

रकम वसूली का बड़ा नेटवर्क, राजस्थान से फंसाकर युवकों लाते थे
लंका इंस्पेक्टर शिवाकांत मिश्रा ने बताया कि सुमेर सिंह राजस्थान का रहने वाला है। अविवाहित लोगों को फंसाकर लेकर शादी कराने के लिए वाराणसी लाता है। लड़की दिखाने से लेकर शादी कराने तक का कार्यक्रम गिरोह के सदस्य करते हैं। लड़की के परिजन (मां, बहन, बुआ, जीजा, बहनोई) सब काल्पनिक होते हैं। यह लोग लड़के की तरफ से मिले रुपये आपस में बांट लेते हैं। स्टेशन पर ट्रेन आने के पूर्व ही लड़की बहाना बनाकर फरार हो जाती है। इनका संगठित गिरोह है, जो पैसे के लिए धोखाधड़ी करता है। आपराधिक इतिहास के बारे में पता लगाया जा रहा है।