भक्तों को बाबा विश्वनाथ के सिर्फ झांकी दर्शन की अनुमति, स्पर्श दर्शन पर रोक।
प्रयागराज में लगने वाले महाकुंभ का पलट प्रवाह काशी में भी होगा। इस दौरान 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के काशी आने का अनुमान है। ऐसे में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन के लिए सावन का प्रोटोकॉल लागू होगा। इस दौरान श्रद्धालुओं को बाबा के झांकी दर्शन ही होंगे।

मंदिर प्रशासन ने शुरू की तैयारियां
इस दौरान दैनिक पास भी निरस्त रहेंगे। मंदिर प्रशासन ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं। धाम बनने के बाद पहली बार महाकुंभ हो रहा है। श्री काशी विश्वनाथ धाम में श्रद्धालुओं के आवागमन को देखते हुए सुरक्षा, सुविधा और सुगमता को आधार बनाकर तैयारियां चल रही हैं।
भारी भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

भारी भीड़ को देखते हुए धाम क्षेत्र में श्रद्धालुओं की सुरक्षा और आपात स्थिति से निपटना पहली प्राथमिकता होगी। इसके बाद श्रद्धालुओं के लिए धाम में सुविधाओं के इंतजाम और तीसरे नंबर पर सुगम दर्शन की व्यवस्था को रखा गया है। ऑनलाइन दर्शन- पूजन और रुद्राभिषेक के साथ ही पूरे महाकुंभ के दौरान झांकी दर्शन की व्यवस्था रहेगी। बड़े अखाड़ों और महामंडलेश्वर को स्पर्श दर्शन की अनुमति मिल सकती है लेकिन इस पर फैसला मंदिर न्यास की अगली बैठक में लिया जाएगा।
धाम में रहेंगे ये इंतजाम
हेल्पडेस्क से लेकर प्रसाद, फूल-माला और दूध के इंतजाम भी धाम में ही रहेंगे। कतारबद्ध श्रद्धालुओं को प्रसाद लेने में दिक्कत नहीं होगी। उन्हें धाम के अंदर ही प्रसाद, जल, दूध सब मिलेगा। प्रवेश और निकास के अलग-अलग मार्ग होंगे।
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सावन का ही प्रोटोकॉल होगा फॉलो
मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण मिश्र ने बताया कि महाकुंभ के पलट प्रवाह के दौरान सावन का प्रोटोकॉल ही फॉलो किया जाएगा। भीड़ को देखते हुए यथासंभव स्पर्श दर्शन पर प्रतिबंध रहेगा और आम श्रद्धालुओं को झांकी दर्शन मिलेगा।