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UP : चश्मे में कैमरा के जरिए नकल करते सीनियर छात्र को किया गिरफ्तार, GSVM ने कार्रवाई की।

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चश्मे में कैमरा लगा कर प्रश्नों की फोटो खींचने और व्हाट्सएप पर उत्तर भेजने का खुलासा।

सरस्वती मेडिकल कॉलेज (एसएमसी) उन्नाव के एमबीबीएस फाइनल की प्रैक्टिकल परीक्षाओं में नए तरीके से हो रही नकल पकड़ में आई। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में हो रहीं परीक्षाओं में परीक्षार्थियों का सत्यापन करने आए सीनियर छात्र ही नकल कराते पकड़े गए। इनमें से एक छात्र के चश्मे में कैमरा लगा था। वह प्रश्न की फोटो खींचकर अपने साथियों के व्हाट्सएप ग्रुप में डालता था। ग्रुप का दूसरा सदस्य जवाब ढूंढकर ग्रुप में डाल देता था। इसके बाद परीक्षार्थियों को उत्तर बता दिया जाता था।

छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय ने जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज को परीक्षा केंद्र बनाया था। इसमें एसएमसी के एमबीबीएस फाइनल वर्ष (वर्ष 2019 बैच) के 95 छात्र-छात्राओं की प्रैक्टिकल परीक्षाएं हो रही थीं। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला ने बताया कि मंगलवार को मेडिसिन की प्रैक्टिकल परीक्षा हुई थी। बुधवार को सर्जरी और बालरोग की परीक्षा थी। गुरुवार को स्त्री रोग की परीक्षा होनी थी।

सीनियर मेडिकल छात्र पर संदेह हुआ
विवि के पास मेल आया था कि प्रैक्टिकल परीक्षाओं में नकल हो रही है।  इस पर मामले की जांच के लिए जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज प्रबंधन से कहा गया। बुधवार को जांच की गई तो पता चला कि रोहित नाम के व्यक्ति ने मेल भेजा था। इसके बाद मेल से भेली गईं फोटो की जांच की गई, तो परीक्षार्थियों के सत्यापन के लिए आए एसएमसी के चार सीनियर मेडिकल छात्र पर संदेह हुआ। इनमें दो छात्राएं हैं। पूछताछ में उन्होंने अपनी गलती मानी।

कॉलेज में एसएमसी की परीक्षाएं नहीं कराएंगे
प्राचार्य डॉ. काला ने बताया कि सीनियर छात्रों को परीक्षार्थियों के सत्यापन के लिए भेजा गया था। वे पुष्टि करते थे कि परीक्षार्थी एसएमसी के ही हैं। मामला उजागर होने के बाद चारों प्रैक्टिकल परीक्षाएं रद्द कर दी गई हैं। मामले की छानबीन में डॉ. काला के साथ उप प्राचार्य डॉ. रिचा गिरि, डॉ. जीडी यादव, डॉ. मनीष सिंह समेत अन्य चिकित्सा शिक्षक रहे। इसके साथ ही छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय से मना कर दिया कि कॉलेज में एसएमसी की परीक्षाएं नहीं कराएंगे।

इस तरह पकड़ में आए नकल कराने वाले सीनियर
डॉ. संजय काला ने मेल में आई जूते और जींस की फोटो देखकर नकल कराने का मामला खोल दिया। उन्होंने बताया कि मेल में जो फोटो आई थी, उसकी जांच करते वक्त एक सीनियर छात्र नए किस्म के जूते और जींस में दिखा। इस पर सभी वरिष्ठ चिकित्सा शिक्षकों को बुलाया और कुछ देर के लिए परीक्षा रोक दी।

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प्रश्न और उत्तर वाली फोटो डिलीट कर दी थीं
एक-एक छात्र को चेक किया, तो वह नए किस्म के जूते और जींस वाला छात्र मिल गया। उसको बुलाकर पूछताछ की तो उसने अपने तीन अन्य साथियों के नाम बताए। सभी ने मोबाइल से प्रश्न और उत्तर वाली फोटो डिलीट कर दी थीं। दोषी छात्रों से कहा गया कि फोटो रिकवर कराके उनकी रिपोर्ट एनएमसी को भेजेंगे तो वे टूट गए और सारा सच उगल दिया।

ऐसे कराते थे नकल
प्राचार्य ने बताया कि जांच में पाया गया कि दोषी छात्र परीक्षार्थी के पास जाता था। उसकी प्रैक्टिकल की कॉपी, उपकरण, प्रश्नों की फोटो खींचकर व्हॉट्सएप ग्रुप में डाल देता था। उसी ग्रुप में उत्तर आ जाता था। परीक्षा कक्ष में मौजूद अन्य तीन साथी भी ग्रुप में थे। ऐसे में सभी परीक्षार्थियों को उत्तर बता देते थे।

Jarees malik

Sarkar Ki Kahani
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