हृदयरोगी युवक को ठगों ने किया शिकार, वीडियो कॉल से ब्लैकमेल कर 2.22 लाख रुपये ऐंठे
शहर में नए तरीके से साइबर ठगी का मामला सामने आया है। चकेरी थानाक्षेत्र में एक युवक को पहले वीडियो फ्रॉड में फंसाया गया। फिर दिल्ली क्राइम ब्रांच का अधिकारी बता डिजिटल अरेस्ट कर 2.22 लाख रुपये ऐंठ लिए। चकेरी पुलिस ने मामले की रिपोर्ट दर्ज कर ली है। जगईपुरवा लालबंगला निवासी जितेंद्र मेहरोत्रा के पास चार पांच दिन पहले अज्ञात मोबाइल नंबर से व्हाॅट्सएप पर वीडियो कॉल आई। जितेंद्र ने नंबर कंफर्म न होने पर काट दिया। 21 दिसंबर को जब वह बाथरूम में था तो वीडियो कॉल आ गई। इस बार जितेंद्र ने फोन उठा लिया। इसी दौरान सामने वालों ने उसका वीडियो बना लिया। जितेंद्र के अनुसार शातिर ने वीडियो बना लिया और फिर एडिट कर उसी को भेज कर ब्लैकमेल करने लगा। जितेंद्र के मुताबिक वह हृदयरोगी है।

एडिटेड फोटो व वीडियो भेजकर सामने से बात कर रहे शातिर ने खुद को दिल्ली क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया और धमकी देने लगा। इसके बाद 23 दिसंबर को जितेंद्र से 1.22 लाख बताए गए उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक के बताए गए खातों में जमा करा लिए। इसके बाद शातिरों ने एक लाख रुपये और जमा कराए। फिर डिजिटल अरेस्ट कर सवा दो लाख रुपये की मांग करने लगे। जब उन्होंने परिवार को इस घटना के बारे में बताया तब उन्हें साइबर ठगी के बारे में जानकारी मिली। उसके बाद उन्होंने चकेरी पुलिस में जाकर तहरीर दी। चकेरी थाना प्रभारी अशोक कुमार दुबे ने बताया कि मामले की रिपोर्ट दर्ज कर जांच की जा रही है।
ऐसे बचें
– अगर कोई खुद को पुलिस या सरकारी एजेंसी का प्रतिनिधि बताता है और गिरफ्तारी या किसी तरह की बात करता है तो उसे नजरअंदाज करें।
– अगर कोई काॅल करके यह कहता है कि आपके नाम से पार्सल विदेश से आया है, तो सतर्क हो जाएं। केवल कंपनी के आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर जानकारी प्राप्त करें।
– अगर कोई रिश्तेदार या परिचित आर्थिक मदद मांग रहा है तो काल या वीडियो काल से उसकी सच्चाई की जांच करें।
– आनलाइन टास्क करने पर पैसा कमाने का वादा करने वाले संदेशों और चैनलों से सतर्क रहें। भुगतान प्राप्त करने से पहले किसी भी प्रकार का शुल्क न भरें।
– किसी भी व्यक्तिगत जानकारी जैसे आधार नंबर, बैंक डिटेल्स या पासवर्ड, सोशल मीडिया पर साझा न करें।

यहां करें शिकायत
किसी भी साइबर अपराध की शिकायत सबसे पहले हेल्पलाइन नंबर 1930 पर करें। साथ ही स्थानीय थाने या स्थानीय साइबर थाने में भी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। जल्दी शिकायत दर्ज कराने पर उतनी ही जल्दी बैंक खाता फ्रीज कर पैसे वापस कराने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। साथ ही रुपये वापस मिलने की संभावना भी बढ़ जाती है।