दादा की मृत्यु के बाद गांव में रुके थे परिवार के सदस्य, गंगा ने छीना सहारा।
कौशांबी के सिराथू के कड़ाधाम बाजार घाट में गंगा में डूबे जय जनार्दन मिश्रा और बेटे ऋषभ की खबर मिलते ही परिजन घटनास्थल पर पहुंच गए। रोते बिखलते परिजनों की चीख पुकार के बीच जय जनार्दन की बेटियां आंशिक और मानसी की करुणामयी पुकार अन्य लोगों को भी मर्माहत करती रहीं। गंगा की लहरों को अपलक निहारतीं बेटियों का कहना था कि पुलिस अंकल… पापा और भैया को पानी से निकालो… दोनों अभी जिंदा हैं। यह सुनकर सभी की आंखें नम हो रहीं थीं। जानकारी के अनुसार, जनार्दन मिश्रा फौज से सेवानिवृत्ति के बाद प्रयागराज में रहते थे। उनका इकलौता बेटा ऋषभ मिश्रा बीएससी के बाद इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहा था। वहीं विभा, आंशिक और मानसी तीन बेटियां हैं। 10 दिन पहले जय जनार्दन के पिता मनमोहन मिश्रा की मौत के बाद वे दारानगर में ही रुक गए थे।

रविवार शाम बेटा ऋषभ भी संस्कार में शामिल होने पैतृक गांव पहुंच गया था। सोमवार सुबह परिवार के साथ कड़ाधाम के बाजार घाट में मुंडन के बाद गंगा स्नान करने के लिए ऋषभ पानी में उतर गया और गहराई में जाने के कारण डूबने लगा। इकलौते बेटे को डूबता देख पिता भी उसे बचाने के चक्कर में डूबने लगे। फिर बड़े भाई जयकृष्ण व भतीजे शिखर भी गहरे पानी में चले गए। हादसे की सूचना मिलते ही जय जनार्दन की पत्नी आद्या देवी, बेटियों के साथ गंगा घाट पर पहुंच गईं। इस दौरान नात-रिश्तेदारों ने पत्नी आद्या देवी व छोटी बेटी विभा को समझा-बुझाकर घर भेज दिया। जबकि, बड़ी बेटी आंशिक व मझली मानसी घाट पर टकटकी लगाए पापा और भैया इंतजार करती रही और पुलिस तथा गोताखोरों से मिन्नतें करती रही।
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़, नहीं थम रहे आंसू
दारानगर कस्बे के मनमोहन मिश्रा के निधन से गमगीन परिवार अभी सदमे से उबर भी नहीं पाया था कि उन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। घटना के बाद से पीड़ित परिवार के आंसू नहीं थम रहे हैं। घटना की जानकारी मिलने के बाद हर कोई पहुंचकर ढांढस बंधाने का प्रयास कर रहा है, लेकिन घर वालों के आंसू नहीं थम रहे हैं।

एक-दूसरे को बचाने में डूबे चारों
प्रत्यक्षदर्शी नाविकों के अनुसार, सबसे पहले ऋषभ गहरे पानी में गया। उसे डूबता देख पिता जय जनार्दन बचाने के लिए आगे बढ़े तो वह भी डूबने लगे। फिर छोटे भाई को डूबता देख जयकृष्ण ने मदद का प्रयास किया ताे वह भी गहरे पानी में समा गए। इस पर शिखर ने भी गंगा में छलांग लगा दी। देखते ही देखते चारों गंगा की लहरों में समा गए। दो को बाहर निकाला गया, जबकि दो अन्य का सुराग नहीं लग सका।
पिता का दसवां संस्कार करने गए सगे भाई व उनके दो बेटे गंगा में डूबे, एक की मौत, दो लोग लापता
कौशाम्बी में पिता का दसवां संस्कार करने के दौरान सोमवार को बाजार घाट पर गंगा स्नान करते समय दो भाई और उनके दो बेटे गंगा में डूबने लगे। गोताखोरों की मदद से बड़े भाई और उनके बेटे को बाहर निकाल लिया गया, जबकि छोटा भाई और उनका बेटा लापता हो गए। निकाले गए पिता-पुत्र को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां चिकित्सक ने पिता को मृत घोषित कर दिया। जबकि बेटे को इलाज के बाद घर भेज दिया गया। उधर, गोताखारों की तमाम कोशिशों के बाद भी देर शाम तक डूबे पिता-पुत्र का सुराग नहीं लग सका। सिराथू तहसील के दारानगर कस्बे के रामनगर मोहल्ला निवासी मनमोहन मिश्रा (80) का 10 दिन पहले निधन हो गया था। सोमवार को उनका दसवां संस्कार था। इसके लिए दोनों बेटे जय कृष्ण मिश्र (55) और जय जनार्दन मिश्र (53) अपने बेटों के साथ बाजार घाट पर मुंडन और गंगा स्नान के लिए गए थे।

स्थानीय नाविकों ने गंगा में लगाई छलांग
इस दौरान जय जनार्दन का बेटा ऋषभ मिश्र उर्फ छोटू (20) गहरे पानी में चला गया। उसे डूबता देख अन्य लोग बचाने के लिए गए और एक के बाद एक डूबते चले गए। एक साथ परिवार के चार लोगों के डूबने से घाट पर अफरातफरी मच गई। चीख पुकार सुनकर स्थानीय नाविकों ने गंगा में छलांग लगाई। मशक्कत के बाद जय कृष्ण और उनके बेटे शिखर को नाविकों ने निकाल लिया। सूचना पर पहुंची कोतवाली पुलिस ने आनन फानन पिता-पुत्र को इलाज के लिए सीएचसी कड़ा पहुंचाया, जहां जय कृष्ण को चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया, जबकि बेटे शिखर (35) को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। जहां से इलाज के बाद उसे घर भेज दिया गया।
जय जनार्दन मिश्र और ऋषभ का पता नहीं
वहीं, गंगा में डूबे जय जनार्दन मिश्र और ऋषभ का पता नहीं लग सका। पुलिस व गोताखोरों की टीम ने देर शाम तक डूबे पिता-पुत्र की तलाश की, लेकिन पता नहीं लग सका। इस दौरान एएसपी राजेश सिंह, एसडीएम सिराथू अजेंद्र सिंह और सीओ अवधेश विश्वकर्मा ने घटनास्थल पर पहुंचकर परिजनों को ढांढस बंधाया।