ट्रेन लेट, भीड़ और अफरातफरी ने बढ़ाई मुश्किलें, यात्रियों को करना पड़ा संघर्ष
महाकुंभ से लौटकर अयोध्या दर्शन करने पहुंचे श्रद्धालुओं ने प्रयागराज के हालात की जानकारी दी। बहुत सारे लोग बिना स्नान किए ही लौट आए। जो स्नान कर पाए उन्हें अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए जूझना पड़ा। कुछ श्रद्धालु ट्रेन में ही 10 से 11 घंटे तक फंसे रहे, क्योंकि ट्रेन विलंब से आ रही है। वहीं श्रद्धालुओं को 25 किलोमीटर तक पैदल चलने को विवश होना पड़ा।

बिहार के छपरा निवासी उत्तम सिंह ने बताया कि वे ट्रेन में करीब 11 घंटे फंसे रहे। भगदड़ की वजह से कुछ ट्रेनों को डायवर्ट कर दिया गया है, जिससे ट्रेनें विलंब से पहुंच रही हैं। वे जिस ट्रेन में थे वह 11 घंटे विलंब से पहुंची थी। ट्रेन में लंबे समय तक फंसे रहने से घबराहट हो गई थी। मेला क्षेत्र में पहुंचे तो स्थिति सामान्य थी, लेकिन संगम तट की ओर नहीं जाने दिया जा रहा था। दिल्ली निवासी कौशल तो बिना स्नान किए ही वापस लौट आए। बताया कि जिस समय भगदड़ हुई हम लोग एक कैंप में रुके हुए थे। भगदड़ की बाद स्थिति बिगड़ गई। मौनी अमावस्या पर इतनी भीड़ थी कि पैदल चलना भी मुश्किल था, हमारी हिम्मत नहीं हुई, बिना स्नान किए ही लौट आए हैं। गोंडा निवासी विजय मिश्र बोले कि ट्रेन देर से मिल रही है। काफी दूरी तक पैदल चलना पड़ रहा है। कानपुर से आए अंकित ने बताया कि वीआईपी प्रोटोकाल के चलते भगदड़ जैसे हालात बने। लोग बेरिकेडिंग पार कर कूदने लगे थे, जिससे स्थिति अनियंत्रित हो गई। हालांकि जल्द ही स्थिति को नियंत्रित कर लिया गया, फिलहाल अभी हालात ठीक हैं।

भीड़ में बिछड़ गए साथी, नौ घंटे तक फंसे रहे
प्रयागराज से लौटे आकाश, शिववर्धन, अभिजीत, विनायक व केदार भगदड़ के बाद नौ घंटे तक मेला क्षेत्र में फंसे रहे। आकाश ने बताया कि स्थिति भयावह थी। सेक्टर नंबर छह पर एक नाला था, उसमें तीन-चार महिलाओं का शव पड़ा था। उधर से ही भीड़ गुजर रही थी, चीख-पुकार मची थी। लोग लापता हुए अपनों की तलाश कर रहे थे। वहां करीब डेढ़ घंटे तक फंसे रहे। इसी बीच भीड़ में हम एक दूसरे से बिछड़ गए। तीन-चार घंटे बाद बिछड़े साथी मिले। पार्किंग 25 किलोमीटर दूर थी, पैदल चलकर पहुंचे थे। प्रयागराज से अयोध्या तक 200 किमी की दूरी तय करने में आठ घंटे लग गए।
अब संगम तट तक पहुंचना मुश्किल

अयोध्या को प्रणाम करके वापस
मुंबई निवासी गिरीश व श्रीकांत प्रयागराज से लौटकर रामलला के दर्शन करने पहुंचे थे। बताया कि पांच बजे फ्लाइट है। रामलला के दर्शन करने में समय लगेगा, अयोध्या की धरती को प्रणाम कर ही वापस जा रहे हैं। बताया कि वे 29 की सुबह 5:30 बजे प्रयागराज पहुंचे। गंगाघाट तक आराम से पहुंच गए थे, लेकिन संगम तट तक इस समय पहुंचना मुश्किल है। संगम की ओर जाने वाले सारे रास्ते बंद कर दिए गए हैं। पुल नंबर 18 से गंगा तट पहुंचे लेकिन निकासी पुल नंबर 19 से हुई। पार्किंग तक पहुंचने के लिए करीब 25 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा।