फिरदौस हत्या मामले में कोर्ट ने फिरोज को दोषी ठहराया, 50 हजार का अर्थदंड भी लगाया
लिसाड़ीगेट क्षेत्र के इस्लामाबाद में चार साल पहले फिरदौस की हत्या के मामले में बृहस्पतिवार को कोर्ट ने भाई फिरोज को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास और 50 हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई। बहन की बरात आने से 24 घंटे पहले ही उसके प्रेम-प्रसंग से जुड़े फोटो और वीडियो देखकर फिरोज ने उसे गोली मार दी थी। पिता रहीसुद्दीन ने बेटे के साथ हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए बड़ी बेटी के देवर खुर्जा निवासी कासिम को भी नामजद किया था। साक्ष्यों के अभाव में कोर्ट ने कासिम को बरी कर दिया। इस्लामाबाद के रहने वाले रहीसुद्दीन की बेटी फिरदौस की 24 जनवरी 2021 को शादी थी। परिजन शादी की तैयारियों में जुटे थे। रिश्तेदार भी शादी की खुशियों में शामिल होने के लिए आए हुए थे। इसी बीच फिरोज के मोबाइल पर बड़ी बहन के देवर कासिम के मोबाइल से फिरदौस के कुछ फोटो और वीडियो आए। ये फोटो-वीडियो देखकर फिरोज का खून खौल उठा। इसके बाद 24 जनवरी की सुबह एक दोस्त से तमंचा लेकर वह घर पहुंचा।

उस समय फिरदौस कमरे में सो रही थी। फिरोज घर में घुसा और बहन के साथ गाली-गलौज शुरू कर दी। फिरदौस ने भाई को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह कुछ भी सुनने को तैयार नहीं हुआ। इससे पहले परिजन कुछ समझ पाते, फिरोज ने कनपटी से तमंचा सटाकर फिरदौस को गोली मार दी। फिरदौस ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। इसके बाद भी फिरोज मौके पर ही खड़ा रहा। परिजनों ने पिटाई करते हुए उसे पुलिस को सौंप दिया। पुलिस ने आरोपी से तमंचा और एक आईफोन बरामद किया था। दोनों पक्षों की दलील सुनकर गवाहों के बयान और साक्ष्यों के आधार पर विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम-2 पवन कुमार शुक्ला ने फिरोज को दोषी करार दिया और आजीवन कारावास व 50 हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक वर्ष के अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा।

सिर पर खून सवार था, बहन की कोई बात नहीं सुनी
बहन के फोटो-वीडियो देखने के बाद फिरोज के सिर पर खून सवार हो गया था। फिरदौस ने उसे समझाने का काफी प्रयास किया। वह कहती रही कि कासिम से उसका कुछ लेना-देना नहीं है। फोटो-वीडियो उसने एडिट किए हैं। जिसके साथ शादी होगी, उसके साथ वह खुश रहेगी। इतने में ही गुस्से से बौखलाए फिरोज ने कनपटी से तमंचा सटाकर गोली चला दी। इससे बहन की मौत हो गई। घर में खून ही खून फैला था। परिजनों का आरोप था कि फिरदौस से शादी करने के प्रस्ताव कासिम ने रखा था। शादी नहीं हो पाई तो आरोपी ने उसकी दूसरी जगह हो रही शादी रुकवाने का प्रयास किया। फिरदौस को बदनाम करने के लिए उसके फोटो-वीडियो एडिट किए। इसके बाद भाई के पास भेजकर उसकी हत्या करा दी।
पहले बहन शादी की तैयारी में जुटा, बाद में उसी के खून से रंगे हाथ
फिरोज बहन फिरदौस की शादी की तैयारियों में जुटा था। सारे इंतजाम वह देख रहा था, लेकिन बरात आने से कुछ देर पहले ही उसने बहन के खून से हाथ रंग लिए। परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों को यकीन नहीं हो रहा था कि फिरोज ऐसा कदम उठा सकता है। फिरोज के चेहरे पर बहन की हत्या करने के बाद जरा भी शिकन दिखाई नहीं दी। उसने भागने का प्रयास भी नहीं किया।