सिविल लाइंस पुलिस ने आरोपियों पर सामूहिक छेड़खानी सहित अन्य धाराएं जोड़ीं
Moradabad News : रामगंगा विहार में छेड़खानी का विरोध करने पर छह छात्राओं को कार से कुचलने के मामले में सिविल लाइंस पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ सामूहिक छेड़खानी सहित अन्य धाराएं बढ़ा दी हैं। घटना के दो आरोपी अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। सिविल लाइंस थाना प्रभारी मनीष सक्सेना ने बताया कि पुलिस आरोपी दिव्यांशु और आरोपी यश सिरोही को पकड़ने के लिए दबिश दे रही हैं।

आरोपी दिव्यांशु दरोगा का बेटा है। इस मामले में विवेचक कुलदीप राणा ने नाबालिग छात्राओं का बयान दर्ज करने के बाद उसी आधार पर धारा 77, 78 और 79 बढ़ा दी है। बढ़ी हुई धाराओं का अर्थ यह है कि आरोपियों ने छात्राओं का पीछा कर सामूहिक छेड़खानी की। बगैर अनुमति तस्वीरे खींचने की कोशिश की। इस मामले में पॉक्सो एक्ट पहले ही लगाया गया था। दबिश से पता चला कि आरोपी घर से फरार हैं। सात फरवरी को कॉलेज से प्रवेश पत्र लेकर लौट रही छह छात्राओं को कार सवारों ने कुचल दिया था। परिजनों ने आरोप लगाया कि कार सवार पांच युवकों ने छात्राओं से छेड़खानी की। विरोध करने पर आरोपियों ने छात्राओं को कार से राैंद दिया। टक्कर से एक छात्रा कार की बोनट पर गिर गई थी। कार दाैड़ाने के बाद उसे सड़क पर गिराकर आरोपी भाग निकले थे।

सभी छात्राओं गंभीर रूप से घायल हो गई थीं, जिनमें से दिल्ली में भर्ती एक छात्रा की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। मौके पर ही लोगों ने कार चला रहे नवीन नगर निवासी शगुन सिंह को दबोचा था। पुलिस ने पांच आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी। माैके से भागे चार आरोपियों में से लक्ष्य बवेजा और उदय काैशिक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। दो आरोपी यश सिरोही और दिव्यांशु 12 दिन बाद भी पुलिस की पकड़ से दूर हैं। पुलिस ने इस मामले में तीन छात्राओं के बयान दर्ज किए हैं। दिल्ली में भर्ती छात्रा के सिर का ऑपरेशन हो चुका है, लेकिन हालत में अभी सुधार नहीं हुआ है। अन्य छात्राओं की हालत अभी ठीक नहीं हुई है।
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कार से कुचलने की वजह से अभी तक बेड पर है छात्रा
कार से कुचलने के मामले में घायल छात्रा ने मंगलवार को बेड पर लेटकर परीक्षा दी। परिजनों ने छात्रा को एंबुलेंस की मदद से केंद्र पर पहुंचाया था। अब छात्रा 22 फरवरी की परीक्षा की तैयारी कर रही है। आठ फरवरी को रामगंगा विहार में मनचलों द्वारा कार से कुचलने से घायल छात्रा अभी भी बेड रेस्ट पर ही है। मंगलवार को उसका डेटा साइंस का पेपर था। छात्रा के पिता ने बताया कि गंभीर हालत होने के बावजूद बेटी परीक्षा नहीं छोड़ना नहीं चाहती है। वह अपने कॅरिअर के लिए चिंतित है। इसलिए हमने सीबीएसई से परीक्षा के लिए विशेष अनुमति ली है। बोर्ड के निर्देश पर परीक्षा केंद्र पर छात्रा के लिए बेड और राइटर की व्यवस्था की गई है।
मंगलवार सुबह नौ बजे एंबुलेंस से छात्रा को परीक्षा केंद्र पर लेकर पहुंचे। उसको केंद्र के अंदर बेड पर लिटा दिया गया। इसके बाद छात्रा सवालों के जवाब बोलती रही और राइटर ने उसके जवाबों को लिखा। परीक्षा समाप्त होने के बाद छात्रा को एंबुलेंस से ही वापस घर लेकर आए। छात्रा के पिता ने बताया कि मुख्य परीक्षा 22 फरवरी से शुरू हो रही है। 22 तारीख को बिजनेस स्टडीज का पेपर है। वहीं हादसे में घायल एक और छात्रा का अभी दिल्ली में उपचार चल रहा है।