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Kanpur News : थप्पड़ का बदला बना हत्या की वजह, पुलिस जांच में बड़ा खुलासा

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शुभम ने भाइयों संग मिलकर की हत्या, पुलिस ने तीनों आरोपियों को भेजा जेल

कानपुर में सजेती के दौलतपुर गांव में बुधवार को हुई रवि यादव की हत्या के मामले को राजनैतिक रंग देने की कोशिश की जा रही है। बताया गया कि पीडीए की बैठक में शुभम उर्फ छोटू ने सपा और रवि पर अभद्र टिप्पणी कर दी थी। इस पर रवि ने उसे थप्पड़ जड़ दिया था। इसी का बदला लेने के लिए शुभम ने भाइयों संग मिलकर रवि की हत्या कर दी। इधर, गुरुवार को पुलिस ने हत्यारोपी तीन भाइयों को जेल भेज दिया। चाचा रामनरेश यादव ने बताया कि वह सपा के दौलतपुर गांव के सेक्टर प्रभारी हैं। 16 फरवरी को वह पार्टी के लोगों के साथ दौलतपुर बाजार में पीडीए की बैठक कर रहे थे। उनका भतीजा रवि यादव भी मौजूद था। बकौल रामनरेश, हत्यारोपी शुभम तिवारी सत्ताधारी दल का समर्थक है, उसने सपा और रवि को लेकर अभद्र टिप्पणी कर दी। इस पर रवि ने उसे थप्पड़ मार दिया था।

सपा नेताओं ने परिजनों को दी सांत्वना
इसी का बदला लेने के लिए शुभम ने भाइयों के साथ मिलकर रवि गोली मारकर हत्या कर दी। रवि के सपा से जुड़े होने के नाते गुरुवार को पोस्टमार्टम हाउस में पूर्व सांसद राजाराम पाल, पूर्व विधायक मुनींद्र शुक्ला, पूर्व पार्षद अंकित यादव, सपा नेता अनिल सोनकर वारसी समेत बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। इन लोगों ने रवि के परिजनों को सांत्वना के साथ ही न्याय दिलाने का भरोसा दिया।

यमुना नदी किनारे होगा अंतिम संस्कार
पोस्टमार्टम के बाद शाम करीब पांच बजे पुलिस की निगरानी में रवि का शव वाहन से गांव ले जाया गया। इसके बाद परिजनों ने सूर्यास्त होने का हवाला देकर शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। परिजनों ने पुलिस को बताया कि शुक्रवार को शव का कानपुर देहात के मूसानगर में यमुना नदी के किनारे अंतिम संस्कार किया जाएगा। गुरुवार को घरों में चूल्हे नहीं जले।

हत्यारोपियों के घर से बम व असलहे बरामद, तीन भाई भेजे गए जेल
हत्यारोपी शुभम, मधुरम और मयंक तिवारी को पुलिस ने रात में गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस को देर रात इनके घर के तलाशी के दौरान देशी बम, देसी पिस्टल और दो तमंचे बरामद किए। तीनों हत्यारोपियों को सजेती के बजाय घाटमपुर थाने में रखा गया। उर्सला में तीनों का मेडिकल कराने के बाद गुरुवार को कोर्ट में पेश किया। वहां से तीनों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया।

हत्यारोपी और मृतक पहले थे दोस्त
रवि यादव और मधुराम त्रिपाठी दोनों दोस्त थे। ग्रामीणों के मुताबिक, रवि पर गैंगस्टर लगने के बाद मधुराम ने उसका साथ छोड़ दिया। इसके बाद दोनों ने अलग अलग गांव की राजनीति शुरू कर दी। दोनों अपने अपने कुनबे की पंचायत में सक्रिय भूमिका अदा करने लगे और देखते ही देखते रंजिश की लकीर बढ़ती चली गई।

गांव में पुलिस और पीएसी तैनात
रवि की हत्या के बाद गांव में तनाव की स्थिति है। इसके चलते एडीसीपी साउथ महेश कुमार, एडीसीपी ट्रैफिक अर्चना सिंह, चार एसीपी 14 थानों का फोर्स, दो प्लाटून पीएसी तैनात रही। वहीं, पोस्टमार्टम हाउस में एसीपी शिखर यादव, नजीराबाद, स्वरूप नगर, काकादेव समेत कई थानेदार फोर्स के साथ मौजूद रहे। गुरुवार रात भी भारी पुलिस बल गांव में तैनात रहा।

पुलिस ने बंद कर दिए थे घरों के दरवाजे
रवि का शव हत्यारोपियों के घर से बरामद करने के लिए पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ी। वारदात की सूचना के बाद हत्यारोपियों के घर के बाहर भीड़ जमा हो गई थी। हत्यारोपियों को डर था कि भीड़ उनके घर पर हमला न कर दे। इसलिए हत्यारोपियों ने दहशत फैलाने के इरादे से अपने मकान की छत से कई राउंड गोलियां भी चलाई थीं। मौके पर पहुंचने के बाद डीसीपी साउथ आशीष श्रीवास्तव, एडीसीपी साउथ महेश कुमार ने भीड़ को हटाने का प्रयास किया। लोग नहीं मानें, तो एडीसीपी ने लोगों के बीच जाकर उन्हें आरोपी को पकड़ने के लिए पुलिस के फायरिंग किए जाने की बात कही। इसके बाद गांव के तमाम लोगों को उनके घर तक ले गए। फिर उनके घर का दरवाजा बाहर से बंद कर दिया। इसके बाद शव बरामद कर पाए।

Jarees malik

Sarkar Ki Kahani
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