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शादी में डीजे को लेकर विवाद, दूल्हे के भाई की गोली मारकर हत्या

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दुल्हन के चचेरे भाई समेत तीन पर हत्या का केस दर्ज, आरोपी फरार

लखीमपुर खीरी के सदर कोतवाली क्षेत्र के एक मैरिज लॉन में बृहस्पतिवार रात दूल्हे के भाई की गोली मारकर हत्या कर दी गई। जयमाल के वक्त हुई वारदात से शादी समारोह में दहशत फैल गई। फेरे नहीं पड़े, जिससे शादी नहीं हो सकी। घटना में दुल्हन के चचेरे भाई समेत तीन लोगों के खिलाफ नामजद तहरीर दी गई, जिसके आधार पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर ली गई। आरोपी फरार हैं, जिनकी तलाश में पुलिस जुटी है। घटना शहर के हरिकरन मैरिज लॉन की है। यहां पर सीतापुर के थाना तंबौर अंतर्गत ग्राम चंदीभानपुर निवासी कृष्णकांत वर्मा के बेटे जितेंद्र वर्मा की बरात आई थी। लड़की पक्ष भी सीतापुर के बिसवां कस्बे का था। रात करीब एक बजे जब जयमाल का कार्यक्रम चल रहा था। डीजे पर लोग डांस कर रहे थे। इसी दौरान दूल्हे जितेंद्र वर्मा के छोटे भाई आशीष वर्मा (24) से दुल्हन साधना के चचेरे भाई सुमित और दो अन्य रिश्तेदारों का विवाद होने लगा।

 विवाद करने वाले तीनों युवक वहां से आशीष को जान से मार देने की धमकी देते हुए पहले तो चले गए, लेकिन कुछ देर बाद ही वापस आए और तमंचे से आशीष को गोली मार दी। गोली चलते ही बरात में अफरातफरी और चीख-पुकार मच गई। आनन-फानन गंभीर घायल आशीष को जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इधर घटना के बाद तीनों आरोपी युवक फरार हो गए। इस वारदात के बाद दूल्हा-दुल्हन के फेरे भी नहीं पड़ पाए। शहर कोतवाल अंबर सिंह ने बताया कि घटना में मृतक आशीष वर्मा के पिता कृष्णकांत ने दुल्हन के चचेरे भाई सुमित के अलावा दो रिश्तेदारों शिवम व अविनाश के खिलाफ नामजद तहरीर दी। जिस पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया। जल्द ही तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। आशीष के शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया। विवाद किस बात को लेकर हुआ, इसका अभी पता नहीं चल पाया है।

घर में सबसे छोटा था आशीष
आशीष घर के भाई-बहनों में सबसे छोटा था। वह पिता कृष्णकांत के साथ मिलकर घर की खेती किसानी में उनका हाथ बंटाता था। बड़े भाई जितेंद्र की शादी तय होने से वह काफी खुश था। मृतक आशीष की तीन बहनें हैं। जिसमें से दो बहनों की शादी हो चुकी है, जबकि एक बहन की शादी होनी है।

सदमे में दूल्हा जितेंद्र
भाई आशीष वर्मा को खो देने का सदमा दूल्हे जितेंद्र को अंदर-अंदर खाए जा रहा था। पोस्टमॉर्टम हाउस में गाड़ी में बैठा जितेंद्र कुछ भी बोलता तो उसकी आंखों में आंसू आ जाते। किसी तरह परिजन उसे समझा पाते लेकिन फिर कुछ मिनटों के बाद वह रोने लगता। वहीं मौजूद अन्य परिजनों की भी आंखें नम थीं।

Jarees malik

Sarkar Ki Kahani
M: 9997411800, 9719616444

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