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मुरादाबाद के प्रिंस नर्सिंग होम पर स्वास्थ्य विभाग का ताला

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प्रभात मार्केट पर अपंजीकृत रुप से संचालित था प्रिंस नर्सिंग होम

बिना रजिस्ट्रेशन के कराए जा रहें थे धड़ाधड़ ऑप्रेशन

मुरादाबाद। जिले में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश को हवा में उड़ाकर ठेंगा दिखा रहे हैं। खुलेआम सुविधा शुल्क लेकर अपंजीकृत अस्पताल, पैथोलॉजी लैब चलाने की मोखिक अनुमति दें रहें हैं। ऐसा ही एक मामला फिर सामने आया है।

बताते चलें कि 22 फरवरी 2025 को झोलाछाप डॉक्टरों के नोडल अधिकारी डा. विकास कुमार ने शिकायत पर प्रिंस नर्सिंग होम पर निरीक्षण किया तो मालूम हुआ कि सीएमओ दफ्तर में रजिस्ट्रेशन नहीं है और ओटी, एन आईसीयू तक बिना किसी प्रशिक्षित चिकित्सक के चल रहीं हैं।

टैक्नीशियन नशे का इंजेक्शन लगा रहा और टैक्नीशियन ही आप्रेशन कर रहा है। तो एसीएमओ डा विकास कुमार ने नर्सिंग होम पर ताला लगाकर सील लगा दी। एसीएमओ की रिपोर्ट से ज्ञात हुआ कि संचालिका आशा गुप्ता सिर्फ 9वीं कक्षा पास है और स्टाफ भी अनट्रेंड है। इसके बावजूद बिना पंजीकरण के मानकों को दरकिनार करते हुए नर्सिंग होम में 13 बैड, 1 एनआईसीयू, तीन आप्रेशन के भर्ती मरीज मिलें।

सूत्रों से ज्ञात हुआ कि संचालिका की सीएमओ दफ्तर में अच्छी सांठगांठ है। कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक उसकी बात मानते हैं। इसलिए अभी तक बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित हो रहा था। एसीएमओ डॉ विकास ने बताया कि एफआईआर की तैयारी चल रहीं हैं। नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है कौन कर्मचारी और अधिकारी संचालिका के करीबी हैं उसकी छानबीन भी की जा रही है। फिलहाल संचालिका आशा गुप्ता कार्यालय के चक्कर काट रही है।

प्रिंस नर्सिंग होम में पांच पार्टनर
मुरादाबाद। पांच पार्टनर का ये अपंजीकृत प्रिंस नर्सिंग होम तीसरी जगह प्रभात मार्केट पर शराब की दुकान के करीब खोला गया था। इससे पहले ये गांधी पब्लिक स्कूल के निकट और रोडवेज बस स्टैंड के आगे एक बेसमेंट में संचालित था। आशा गुप्ता के अलावा इस नर्सिंग होम चार पार्टनर और है वो भी झोलाछाप डॉक्टर है। ये सभी चंद पैसों की खातिर मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे थे।

पूर्व में एसीएमओ ने दिया था नोटिस

मुरादाबाद। नोडल अधिकारी डा विकास कुमार ने प्रिंस नर्सिंग होम नोटिस भेजकर तत्काल प्रभाव से अपंजीकृत नर्सिंग होम को बंद करने के लिए दिया था तब संचालिका ने लिखित में स्पष्टीकरण देते हुए कहा था कि वह अस्पताल बंद कर चुकी है। लेकिन सांठगांठ करके वह अपना समान निकाल कर प्रभात मार्केट की एक बिल्डिंग में लें गई और आप्रेशन शुरू कर दिये। यदि शिकायत नहीं होती तो इसी तरह अपंजीकृत रुप से संचालित होता रहता। क्योंकि नोटिस देने के बाद सुविधा शुल्क लेकर एसीएमओ ने मदद करने की बात संचालिका से कहीं थी।

फिर मदद करना चाहते हैं एसीएमओ

मुरादाबाद। प्रिंस नर्सिंग होम कई महीनों से बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित हो रहा था। जिसको शिकायत पर सील कर दिया गया। लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं कराई। सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि जल्द ही एसीएमओ डा विकास कुमार इस अपंजीकृत नर्सिंग होम को खोलने की मोखिक अनुमति दें देंगे। इसलिए लिए अभी तक संचालिका के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं कराया गया। सीएमओ डा कुलदीप सिंह को इस ओर ध्यान देना चाहिए।

ये बोले सीएमओ डॉ कुलदीप चौधरी

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. कुलदीप चौधरी से जब इस संबंध में उनका पक्ष जाना तो उन्होंने बताया कि बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित था प्रिंस नर्सिंग होम। ओटी और एनआईसीयू भी संचालित था। तीन मरीज आप्रेशन के भर्ती थे और 13 बैड मौजूद थे। जल्द एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है।

Jarees malik

Sarkar Ki Kahani
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