अपहरण और फिरौती के मामले में बड़ा खुलासा, जालौन SOG के चार सिपाहियों पर गिरी गाज
राजस्थान के अलवर के रामगढ़ क्षेत्र में नौगांवा थाना पुलिस ने अपहरण और फिरौती के मामले में वहां के गांव बहाला के सरपंच व उसके साथी को गिरफ्तार किया है। मामले में जालौन एसओजी के भी चार सिपाही शामिल पाए गए। जिन पर नौगांवा थाने में एफआईआर दर्ज हुई है। मामला उजागर होने पर एसपी ने चारों सिपाहियों को निलंबित कर दिया है। राजस्थान के अलवर के केसरोली गांव निवासी साहिल 28 जनवरी को अपने दोस्त अयाज के साथ अलवर से लौट रहे थे। दोनों एक होटल पर खाना खाने रुके थे। इसी दौरान एक बिना नंबर की सफेद कार से आए चार लोगों ने साहिल को पिस्टल दिखाकर कार में बैठा लिया। इसके बाद आरोपी उसे भरतपुर होते हुए आगरा व मथुरा ले गए। अपहरणकर्ताओं ने साहिल को एक होटल के कमरे में बंद कर परिजनों से 20 लाख रुपये की फिरौती मांगी।

साहिल ने डर कर अपने भाई सहरून को व्हाट्स एप कॉल की। जब परिजनों ने इतने रुपये देने में असमर्थता जताई तो उन्होंने फिरौती की रकम 15 लाख रुपये कर दी और रुपये वहां के गांव बहाला के सरपंच कल्लू खान को रुपये देने के लिए कहा। अंत में चार लाख रुपये में समझौता होने पर आरोपियों ने साहिल को मथुरा बस स्टैंड पर छोड़ दिया। इसी मामले में पुलिस ने कॉल डिटेल के आधार पर रविवार को बहाला सरपंच कल्लू खान और सूर्यनगर अलवर निवासी इंदु खान को गिरफ्तार कर लिया। जांच में पता चला कि इंदु खान का भाई इंसाफ खान जालौन एसओजी में तैनात है। इंदु का साहिल से पैसे को लेकर विवाद चल रहा था। इसी को लेकर पूरी स्क्रिप्ट तैयार की गई।
इस बात की भी जानकारी हुई कि एसओजी में तैनात सिपाही इंसाफ खान, निरंजन यादव, मनोज कुमार और बृजेंद्र भदौरिया असलहों के साथ वहां पहुंचे थे और साहिल के अपहरण में उसका सहयोग किया था। इन्हीं की दम पर इंदु खान व सरपंच ने साहिल का अपहरण कर लिया था। मामला संज्ञान में आने पर एसपी डॉ. दुर्गेश कुमार ने एसओजी में तैनात सिपाही बृजेंद्र भदौरिया, मनोज कुमार, इंसाफ खान व निरंजन यादव को निलंबित कर दिया है। एसपी का कहना है कि बिना अनुमति के राजस्थान जाने पर सिपाहियों पर कार्रवाई की गई है। विभागीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं।

एसओजी प्रभारी भी सवालों के घेरे में
पूरे मामले के संज्ञान में आते ही जिले में पुलिस की जमकर किरकिरी हो रही है। लोगों का कहना है कि बिना प्रभारी के अनुमति के टीम कैसे वहां पहुंच गई और इसकी भनक तक उन्हें नहीं लग सकी। पूरे मामले को दबाया गया है। लेकिन जांच में जब आरोपियों के नाम उजागर हुए तो महकमे में खलबली मची हुई है। वहीं प्रभारी सतीश कुमार का कहना है कि टीम दूसरी जगह भेजी गई थी। राजस्थान कैसे चली गई, उन्हें इसकी जानकारी नहीं है।
इंसाफ ने तैयार किया था पूरा प्लान
एसओजी टीम के सूत्रों की मानें तो अलवर निवासी साहिल का इंसाफ खान के भाई इंदु से रुपयों के लेनदेन को लेकर विवाद चल रहा था। जब इंदु ने इसकी जानकारी अपने भाई इंसाफ को दी तो फिर चारों ने बैठकर साजिश रची। टीम को एक मामले में अपराधी को पकड़ने के लिए कहीं जाना था। इस पर चारों वहां न जाकर राजस्थान पहुंच गए और हथियारों के दम पर साहिल को अगवाकर लिया। इसके बाद आरोपी उसे बंधक बनाकर घुमाते रहे।