/

तीन हत्याओं का मामला: कोर्ट सख्त, नौ आरोपियों की जमानत नामंजूर, शीबा को मिली छूट

16 mins read

16 साल पुराने हत्याकांड में हाईकोर्ट का फैसला, नौ हत्यारों की जमानत याचिका खारिज

मेरठ के गुदड़ी बाजार में करीब साढ़े 16 साल पहले हुए तिहरे हत्याकांड के नौ हत्यारों की जमानत अर्जी हाईकोर्ट ने खारिज कर दी। जबकि वारदात के लिए उकसाने की दोषी शीबा सिरोही को राहत देते हुए कोर्ट ने जमानत दे दी है। पिछले वर्ष अगस्त माह में कोर्ट ने 10 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। कैदी इजहार, देवेंद्र आहूजा, वसीम, रिजवान, अब्दुल रहमान उर्फ कलवा और बदरूद्दीन को पिछले माह आगरा सेंट्रल जेल भेज दिया गया था। इजलाल, अफजाल, महराज और शीबा मेरठ जेल में हैं। 23 मई 2008 की दोपहर बागपत और मेरठ जिले की सीमा पर बालैनी नदी के किनारे तीन युवकों के शव पड़े मिले थे। इनकी पहचान मेरठ निवासी 27 वर्षीय सुनील ढाका निवासी निवासी ढिकौली बागपत, 22 वर्षीय पुनीत गिरि निवासी खटकी परीक्षितगढ़ और 23 वर्षीय सुधीर उज्ज्वल निवासी सिरसलगढ़ बिनौली बागपत के रूप में हुई थी।

जांच में सामने था आया कि 22 मई की रात कोतवाली के गुदड़ी बाजार में हाजी इजलाल कुरैशी ने अपने भाइयों और साथियों के साथ मिलकर तीनों की हत्या की थी। इजलाल की दोस्त शीबा सिरोही को हत्या के लिए उकसाने का आरोपी बनाया गया था। 22 अगस्त 2008 को कोतवाली पुलिस ने तिहरे हत्याकांड में 14 आरोपियों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था। मुकदमे की सुनवाई के दौरान दो आरोपी इसरार और माजिद की मौत हो गई थी। अगस्त 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मुकदमे में रोजाना सुनवाई करने के आदेश दिए थे। दस जुलाई 2024 तक लगातार हर रोज सुनवाई हुई। 14 साल तक सभी को जेल में रहना पड़ा।

वर्ष 2023 में इजलाल पक्ष की तरफ से हाईकोर्ट में जमानत अर्जी लगाई, 14 साल जेल में रहने के चलते जमानत मिल गई थी। सभी नौ आरोपी तब से बाहर थे। एक अगस्त को कोर्ट ने इजलाल और उसके भाई अफजाल, महराज, कल्लू उर्फ कलुआ, इजहार, मुन्नू ड्राइवर उर्फ देवेंद्र आहूजा, वसीम, रिजवान, बदरुद्दीन पर हत्या समेत तमाम धाराओं और शीबा सिरोही पर हत्या के लिए उकसाने के आरोपों को सही मानते हुए दोषी करार दिया था। पांच अगस्त को आरोपियों को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी। हत्याकांड के दो आरोपी इसरार और माजिद की मौत हो चुकी है। एक आरोपी शम्मी जेल में है, उसका ट्रायल चल रहा है। एक आरोपी को नाबालिग बताए जाने के चलते हाईकोर्ट में अपील विचाराधीन है। तिहरे हत्याकांड में दो मुकदमे दर्ज हुए थे। शीबा सिरोही के खिलाफ हत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज हुआ था। इजलाल के मुकदमे में 27 गवाह और शीबा के मुकदमे में 12 गवाह पेश किए गए थे।

Trending Video

कैप्टन की तलाकशुदा पत्नी शीबा बनी थी हत्याकांड की वजह
इजलाल और कैप्टन की तलाकशुदा पत्नी शीबा की दोस्ती थी। सुनील ढाका, सुधीर उज्ज्वल और पुनीत गिरि इसका विरोध करते थे। बाद में इजलाल ने तीनों युवकों से समझौता कर लिया था। शीबा को इजलाल का तीनों से मिलना पसंद नहीं था। उसने इजलाल को तीनों की हत्या के लिए उकसाया। 22 मई 2008 की रात इजलाल ने तीनों को बात करने के बहाने बुलाया और मार डाला था।

Jarees malik

Sarkar Ki Kahani
M: 9997411800, 9719616444

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Latest from Blog