बेटी के बिछड़ने का दर्द, माता-पिता बोले – वतन की मिट्टी भी नसीब नहीं हुई
शहजादी के शव को गुरुवार को दुबई में सुपुर्दे खाक किया जाएगा। माता-पिता अपनी बेटी के अंतिम दर्शन तो नहीं कर सकेंगे, लेकिन ढरकते आंसुओं से उसे श्रद्धांजलि जरूर देंगे। मां ने कहा कि भारत सरकार बेटी की जान तो बचा नहीं सकी, मरने के बाद उसे वतन की दो गज जमीन भी नसीब न हो सकी। मटौंध के गोयरा मुगली की शहजादी को 15 फरवरी को दुबई की आबुधावी जेल में फांसी दे दी गई थी। जिसके शव को गुरुवार को सुपुर्दे खाक कर दिया जाएगा। इस घटना से घर पर अकेली मां का रो-रोककर बुरा हाल है। पिता दिल्ली में हैं। मां ने रोते हुए कहा कि भारत सरकार को कई पत्र लिखे, कि मेरी बेटी निर्दोष है बचा लीजिए, लेकिन नहीं बचाया गया। अब तो मेरी बेटी को मरने के बाद भी वतन की दो गज जमीन नसीब नहीं हो सकेगी।

पिता ने फोन पर कहा कि उसने उच्च न्यायालय दिल्ली के माध्यम से सरकार से कहा था कि उसकी बेटी का शव भारत लाया जाए। उसके पास इतना पैसा नहीं है कि वह दुबई जाकर बेटी के अंतिम दर्शन कर सके, लेकिन इस पर भी कोई निर्णय नहीं हुआ और सरकार उन्हें दुबई भेजने को राजी थी। परिवार वतन में तड़पता रहे, मैं दुबई जाऊं यह संभव नहीं। गुरुवार को बेटी के शव को दुबई में सुपुर्दे खाक कर दिया जाएगा। बताते है कि दुबई सरकार ने पांच मार्च तक परिवार के आने का इंतजार किया। लेकिन परिवार के दुबई न पहुंचने पर 6 मार्च की सुबह शहजादी को सुपुर्दे खाक कर दिया जाएगा।
मैं क्यों न खाक हो जाऊं, सजा दिलाकर रहूंगा
शहजादी के पिता शब्बीर ने कहा कि मेरी बेटी को इस अंजाम तक पहुंचाने वालों को मैं सजा दिलाकर रहूंगा। चाहे मैं क्यों न खाक हो जाऊं। मेरी बेटी को बहला फुसलाकर आगरा और वहां से दुबई न भेजते तो यह अंजाम न होता। मैं अपनी बेटी के गुनाहगारों को छोड़ने वाला नहीं हूं। उन्हें अदालत से सजा दिलाकर रहूंगा।

रहनुमा देखते रहे दुबई में दफन हुई शहजादी
बुंदेलखंड इंसाफ सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष एएस नोमानी ने कहा कि अफसोस है भारत के रहनुमाओं पर जो भारत की बेटी को बचा तो नहीं सके, लेकिन उसके शव को भारत भी नहीं ला सके। भारत की बेटी को परदेश में फांसी दे दी गई। गुरुवार को उसके शव को दुबई में सुपुर्दे खाक किया जाएगा।