कमला नगर के व्यापारी को युवती ने फंसाया, साइबर गिरोह ने उड़ाए लाखों
महाराष्ट्र में बैठे साइबर ठगों ने युवती की मदद से कमला नगर के व्यापारी धर्मेंद्र गुप्ता को जाल में फंसाकर 42.50 लाख की ठगी की थी। युवती ने फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजकर दोस्ती की थी। इसके बाद क्रिप्टोकरेंसी में रकम लगाने पर मुनाफे का लालच देकर रकम ठग ली थी। गाैतमबुद्ध नगर के एजेंट ने दिल्ली के परचून व्यापारी और मुजफ्फरनगर के रेस्टोरेंट संचालक दो भाइयों के खातों में रकम डलवाई थी। पुलिस ने चारों को गिरफ्तार कर यह खुलासा किया है। आरोपी जल्दी मालामाल बनने के चक्कर में अपराधी बन गए। आरोपियों के दो खातों में पिछले एक महीने में ठगी की 5.50 करोड़ से अधिक की रकम का लेन-देन हुआ था।

एसीपी हरीपर्वत आदित्य सिंह ने बताया कि रश्मि नगर, कमला नगर निवासी धर्मेंद्र गुप्ता के पास 19 जनवरी को फेसबुक पर अनु अरोरा नाम से फ्रेंड्स रिक्वेस्ट आई थी। उन्होंने उसे स्वीकार कर लिया। इसके बाद युवती ने चैटिंग शुरू कर दी। दोनों ने अपने मोबाइल नंबर भी साझा कर लिए। व्हाट्सएप पर मैसेज करने लगे। युवती ने खुद को फैशन डिजाइनर बताया। दरअसल युवती साइबर ठगों के गिरोह की सदस्य है। उसने व्यापारी को क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग में मुनाफे का लालच दिया। पहले कम रकम लगवाई। व्यापारी को वापस भी कर दी। इससे उन्हें लगा कि इससे ज्यादा फायदा हो जाएगा। व्यापारी लालच में आ गए। बाद में मोटा मुनाफा बताकर 42.50 लाख ट्रांसफर करा लिए। व्यापारी को जब तक पता चला देर हो चुकी थी। मामला साइबर थाने में पहुंचा। पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया। जिन नंबर से काल हुए थे। वहीं जिन खातों में रकम गई थी, उन सभी की डिटेल निकलवाई गई।

इसमें पता चला कि काॅल मुंबई, महाराष्ट्र से किए जा रहे थे। जिस नंबर से काॅल किए गए, उनसे दिल्ली, मुजफ्फरनगर और गाैतमबुद्धनगर के लोगों के पास भी काॅल जा रहे थे। पुलिस ने सभी की जानकारी जुटाई। इसके बाद चार लोगों को पकड़ लिया। इनमें तीन लोगों के खाते का इस्तेमाल रकम लेने में किया गया था। एक ने सभी को लालच देकर फंसाया था। आरोपियों से पूछताछ में कई और नाम पता चले हैं। उनकी तलाश की जा रही है।
इनकी हुई गिरफ्तारी
पुलिस ने पहाड़गंज, दिल्ली निवासी लखन सिंह, ग्रेटर नोएडा निवासी अनुज कुमार, अवध विहार कालोनी, मुजफ्फरनगर निवासी सगे भाई तरन कुमार और वतन कुमार को गिरफ्तार किया है। लखन का गाजियाबाद में परचून का कारोबार है। तरन और वतन के उत्तराखंड और मुजफ्फरनगर में रेस्टोरेंट हैं। अनुज कुमार ब्रेड सप्लाई काम करता है। अनुज ही मुंबई की युवती और एक अन्य के संपर्क में है। युवती ने व्यापारी को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी थी। गिरफ्तार आरोपियों से 3 मोबाइल, 1 चेकबुक और 6 लाख रुपये फ्रीज कराए गए हैं।
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जयपुर से जुड़े हैं तार
एसीपी ने बताया कि पुलिस ने बताया कि गैंग का मास्टर माइंड जयपुर का सुखदेव है। युवती उसी के साथ रहती है। फेसबुक पर फोटो देखकर युवकों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजती है। उन्हें जाल में फंसाती है। सुखदेव एकाउंटेंट हैं। व्यापारियों के चालू खातों में ठगी की रकम ट्रांसफर करा लिया करता था। उसकी तलाश में पुलिस टीम लगी है। अनुज उसी के संपर्क में है। युवती महाराष्ट्र से काल कर रही थी। एक अन्य आरोपी वहां का भी है। उधर, रेस्टोरेंट संचालक भाई तरन और वतन कुमार का कहना है कि वह अपना खाता संचालित नहीं करते थे। उनका मैनेजर खातों में लेनदेन करता था। उन्हें धोखाधड़ी की रकम आने की जानकारी नहीं थी। मगर, खातों में आने वाले ओटीपी साइबर ठगों से कैसे पहुंच रहे थे? यह वो नहीं बता सके।
दो खातों में पहुंचे 5.50 करोड़
लखन सिंह, तरन कुमार और वतन कुमार के 2 खातों में पिछले एक महीने में 5.50 करोड़ से अधिक की रकम पहुंची थी। इस रकम को अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करके निकाल लिया गया। आरोपी कई बार रकम को यूएस डालर में ट्रांसफर करके भी भेजते थे। इसकी जांच की जा रही है।