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Kanpur : यूट्यूब बना साइबर अपराधियों का गुरू! एटीएम से ठगी करने वाले दो आरोपी गिरफ्तार

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यूट्यूब से सीखा एटीएम फ्रॉड, डिवाइस लगाकर बैंक को लगाया लाखों का चूना

किदवईनगर पुलिस ने एसबीआई की एटीएम मशीन में डिवाइस लगाकर लाखों की चपत लगाने वाले गिरोह के दो अन्य सदस्यों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पकड़े गए आरोपियों की पहचान मंधना के बगदौधी बांगर निवासी हर्ष कटियार और बिठूर के होरा कछार गंगापुर निवासी पंकज राठौर के रूप में हुई है। इनके पास से दो एटीएम, वारदात में प्रयुक्त बाइक व 750 रुपये बरामद हुए हैं। दोपहर बाद पुलिस ने आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया। हाल ही में पुलिस ने गैंग के दो सदस्यों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।

डीसीपी क्राइम आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि कुछ दिन पहल एसबीआई प्रबंधन ने बिना मशीन को नुकसान पहुंचाए रुपये निकलने की शिकायत की। जांच में पता चला कि शातिर किदवईनगर, कल्याणपुर, नौबस्ता, रावतपुर समेत शहर के अन्य सुनसान इलाके में बिना सुरक्षा वाले एसबीआई के एटीएम को निशाना बना रहे थे। सभी एटीएम के सीसीटीवी कैमरे चेक किए गए तो शातिर कार व बाइक से वारदात को अंजाम देते हुए दिखाई दिए। बाइक का नंबर ट्रेस किया गया तो उसकी लोकेशन बिठूर में मिली। इस आधार पर पुलिस ने मंधना के बगदौधी बांगर निवासी हर्ष कटियार और बिठूर के होरा कछार गंगापुर निवासी पंकज राठौर को गिरफ्तार किया है।

यूट्यूब से सीखी एटीएम से रुपये निकलाने की कला
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने यूट्यूब से एटीएम से रुपये निकालने की कला सीखी थी। आरोपियों का कहना है कि बट्टा देसी डिवाइस बनवाकर लाता था। इन्हें प्रदेश के बाहर भी 20 से 25 हजार में बेचता था। पुलिस फरार बट्टा की तलाश में दबिश दे रही है। डीसीपी ने बताया कि बीते 28 फरवरी को गिरोह के दो अन्य सदस्यों नर्वल निवासी वीरेंद्र उर्फ पंकज यादव और महाराजपुर निवासी असरजीत को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।

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ऐसे देते थे घटना को अंजाम
डीसीपी मुताबिक आरोपी मशीन का ऊपर का शटर चाबी से खोलते थे और उसके अंदर कैश ट्रे में देसी डिवाइस लगा देते थे। ग्राहक जब रुपये निकालने बूथ पर पहुंचता तो पूरी प्रक्रिया होने के बाद भी रुपये नहीं निकलते थे। इसके बाद बाइक व कार पर बैठे शातिर मशीन के पास पहुंचकर चाबी से शटर खोलकर डिवाइस में फंसे रुपये निकाल लेते थे। रुपये न निकलने पर ग्राहक का नुकसान नहीं होता था। मशीन से ट्रांजेक्शन न होने पर उसे बैंक से रकम वापस आ मिल जाती थी, इसलिए कोई ग्राहक न थाने जाता था और न ही बैंक।

Jarees malik

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