तीन घंटे की सर्जरी से नया जीवन, डॉक्टरों ने संवारा चेहरा और ठीक की चोटें
छह गोलियां लगने से चेहरे, कंधे पर लगी गंभीर चोट और हथेली की टूटी उंगुलियों को एम्स के शल्य चिकित्सकों ने सर्जरी करके दोबारा ठीक कर दिया है। फैकल्टी एवं ओरल एवं मैक्सिलोफेशियल सर्जन डॉ. शैलेश कुमार ने टीम के साथ तीन घंटे तक सर्जरी करके चेहरे को दोबारा ठीक किया। वहीं टूटी उंगलियों को जेस फिक्सेशन डिवाइस की मदद से जोड़ा गया। युवक अभी एम्स में ही डॉक्टरों की निगरानी में है।

बिहार के गोपालगंज जिले में शादी समारोह के दौरान पार्किंग को लेकर हुए विवाद में 32 वर्षीय युवक को छह गोलियां लग गई थीं। इस घटना में युवक की जान तो बच गई लेकिन उसके ऊपरी व निचले जबड़े, गाल, नाक, जीभ, कान के पीछे, कंधे और हथेली पर काफी चोट आई थीं। जिससे चेहरा पूरी तरह खराब हो गया था। गंभीर स्थिति में युवक को पहले गोपालगंज सदर अस्पताल और फिर बीआरडी मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। हालत गंभीर होने पर उसे एम्स रेफर कर दिया गया।
एम्स में ओरल एवं मैक्सिलोफेशियल सर्जन डॉ. शैलेश कुमार की अगुवाई में जटिल सर्जरी की गई। ऑर्थोपैडिक्स विभाग की टीम ने मरीज की हथेली की टूटी हुई उंगलियों को जेस फिक्सेशन डिवाइस की मदद से जोड़ा गया। सर्जरी में ओरल एवं मैक्सिलोफेशियल सर्जरी विभाग के मैक्सिलोफेशियल सर्जन डॉ. शैलेश कुमार, एसआर डॉ. प्रवीण सिंह, एनेस्थीसिया की टीम में डॉ. भूपिंदर सिंह, एसआर डॉ. शफाक, हड्डी रोग विभाग में डॉ. राजनंद कुमार, एसआर डॉ. शशांक प्रकाश, ओटी नर्सिंग टीम आदि शामिल रहे। एम्स की निदेशक मेजर जनरल डॉ. विभा दत्ता ने दंत शल्य विभाग को इस सर्जरी की सफलता पर बधाई देते हुए कहा कि अब इस क्षेत्र में भी जटिल मैक्सिलोफेशियल सर्जरी होने से मरीजों को दिल्ली, लखनऊ जैसे बड़े शहरों में रेफर करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

जेस फिक्सेशन डिवाइस
जेस फिक्सेशन डिवाइस का उपयोग हाथ की टूटी हुई उंगलियों के इलाज के लिए किया जाता है। इसमें छोटे की-वायर और एक्सटर्नल बार्स होते हैं, जो हड्डियों को प्राकृतिक रूप में जुड़ने में सहायता करता है।