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लखनऊ: नौकरी की तलाश में गई थी युवती, अगली सुबह बाग में मिला शव, रेप के बाद हत्या की आशंका

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वाराणसी से इंटरव्यू देकर लौटी थी महिला, जेवर और मोबाइल भी लापता

आलमबाग बस अड्डे से मंगलवार देर रात चिनहट में रहने वाले भाई के घर ऑटो करके जा रही महिला की गला दबाकर हत्या कर दी गई। महिला का शव मलिहाबाद के वाजिदनगर स्थित एक बाग में पड़ा मिला। जेवर, मोबाइल और अन्य सामान गायब हैं। महिला नौकरी के लिए इंटरव्यू देकर वाराणसी से लौटी थी।

भाई ने मलिहाबाद थाने में अज्ञात के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कराया है। आशंका है कि महिला के साथ लूटपाट और दुष्कर्म किया गया है। पुलिस ई ऑटो चालक के बारे में पता लगा रही है। खुलासे के लिए पुलिस की तीन टीमें गठित की गई हैं। अयोध्या के रौनाई निवासी 34 वर्षीय महिला के भाई ने बताया कि बहन रविवार को वाराणसी में फाइनेंस कंपनी में नौकरी के लिए परीक्षा और ट्रेनिंग के लिए अकेले गई थीं। मंगलवार रात करीब डेढ़ बजे वह रोडवेज बस से आलमबाग बस अड्डे पहुंचीं। यहां से बहन ने चिनहट कमता जाने के लिए ई ऑटो बुक किया। बहन ने कॉल कर 30 मिनट में घर पहुंचने की बात कही। आधा घंटा गुजरने के बाद जब वह घर नहीं पहुंचीं तो उन्होंने रात 2:35 बजे कॉल की। बहन ने बताया कि ऑटो चालक दूसरे रास्ते से जा रहा है। उन्होंने चालक से बहन के फोन से बात की। उसने बताया कि रास्ता खराब है। इसलिए दूसरे रास्ते से आ रहा है। कुछ देर बाद बहन का फोन ऑफ हो गया। उन्होंने पुलिस कंट्रोल रूम पर बहन के लापता होने की सूचना दी।

भाई को भेजी थी आखिरी लोकेशन
भाई ने पुलिस को बताया कि बहन ने उन्हें लाइव लोकेशन भेजी थी, जो मलिहाबाद के आसपास की थी। पुलिस ने महिला के मोबाइल की लोकेशन चेक की तो वह मलिहाबाद के वाजिदनगर में मिली।

बाग में पड़ा मिला महिला का शव
रात करीब साढ़े तीन से चार बजे के बीच मलिहाबाद पुलिस को वाजिदनगर सघन सहकारी समिति के पास इशरत के बाग में महिला का शव पड़ा मिला। गले पर चोट के निशान थे। कपड़े भी अस्त-व्यस्त थे। पुलिस ने भाई को खबर दी। फॉरेंसिक टीम को बुलाया गया। भाई ने बताया कि बहन के पहने हुए जेवर, फोन व अन्य सामान गायब था। आशंका जताई जा रही है कि महिला की दुष्कर्म और लूटपाट के बाद हत्या की गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला दबाकर हत्या की पुष्टि हुई है। दुष्कर्म की जांच के लिए लिए स्लाइड भी बनाई है। पुलिस का दावा है कि गले के अलावा दूसरी किसी भी जगह चोट के निशान नहीं हैं।

Jarees malik

Sarkar Ki Kahani
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