डॉक्टर के पास जाने का बहाना, लेकिन नाम नहीं बता सका – योगेश की चालाकी उजागर
यूपी के सहारनपुर स्थित सांगाठेड़ा गांव में तीन बच्चों को मौत के घाट उतारने वाला आरोपी बाप योगेश पिछले कई दिनों से साजिश रच रहा था। वह खुद को मानसिक रूप से बीमार दिखाने की भी कोशिश कर रहा था। ग्रामीणों को बताया था कि वह सहारनपुर में किसी डॉक्टर के पास भी गया। जब उससे डॉक्टर का नाम पता पूछा गया तो वह इधर-उधर देखने लगा।

बड़ी संख्या में मिले कारतूस
जघन्य हत्याकांड के बाद जो बातें सामने आ रहीं हैं कि उससे साफ लग रहा है कि आरोपी योगेश पिछले कई दिनों से साजिश कर रहा था। पुलिस ने उसके पास से एक पिस्टल, 10 जिंदा कारतूस, चार खोखे और एक कारतूस नाल में फंसा हुआ बरामद किया। सवाल यह है कि योगेश के पास लाइसेंसी पिस्टल थी, लेकिन इतनी संख्या में कारतूस क्यों रखे हुए थे। बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले ही उसने कारतूस खरीदे थे।
गांव वालों को बताया गया था डॉक्टर के पास
आसपास के लोगों के सामने भी खुद को इस तरह दर्शाता था जैसे मानसिक रूप से बीमार हो। उसके साथ अन्याय हो रहा है। ग्रामीणों की मानें तो वह कुछ दिन पहले सहारनपुर में एक मानसिक रोग विशेषज्ञ के पास भी गया था। हालांकि जब उससे पर्चा मांगा गया था तो वह नहीं दिखा सका। यहां तक कि डॉक्टर का नाम और पता भी नहीं बता पाया। इन सभी तथ्यों को जोड़कर देखा जाए तो उसकी साजिश सामने आ रही है।

योगेश को जल्दी से जल्दी मिले फांसी : नेहा की मां
नेहा की बहन रश्मि और रीना ने बताया कि योगेश बीते तीन महीनों से नेहा को लगातार प्रताड़ित कर रहा था। वह नेहा पर झूठे और अनर्गल आरोप लगाकर उसे मानसिक रूप से तोड़ने की कोशिश कर रहा था। नेहा निर्दोष है। योगेश को इस निर्दयता की सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए। वहीं, नेहा की मां बालेश ने कहा कि योगेश को जितना जल्दी हो सके फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए या फिर इन बच्चों की तरह ही कनपटी पर पिस्टल लगाकर गोली मार दी जाए। तब इसे दर्द का अहसास होगा और बच्चों की आत्मा को शांति मिलेगी।
जिंदगी के लिए मौत से लड़ रही नेहा
चंडीगढ़ पीजीआई में भर्ती नेहा की हालत गंभीर बनी हुई है। डॉक्टरों ने उसे वेंटिलेटर पर रखा है। नेहा के सिर में भी गोली मारी गई है। ऐसे में उसके सिर का काफी हिस्सा डैमेज हुआ है।

13 साल पहले योगेश ने लिया था पिस्टल का लाइसेंस
जिस पिस्टल से योगेश रोहिला ने अपनी पत्नी नेहा, बेटी श्रद्धा, बेटे देवांश व शिवांश को गोली मारी है, उसका लाइसेंस करीब 13 साल पहले लिया था। 2013 में अपने नाम से ही पिस्टल का लाइसेंस नाम कराया था। वह पिस्टल को ज्यादातर अपने पास ही रखता था। बताया जा रहा है कि पिछले करीब दो माह से पत्नी को परेशान कर रहा था।
पहले शिवांश, फिर लाए गए देवांश
एसबीडी जिला अस्पताल की इमरजेंसी में सबसे पहले एंबुलेंस से शिवांश पहुंचा। उसके बाद देवांश और उसकी मां नेहा को लाया गया। चिकित्सकों ने चेक किया तो देवांश व शिवांश को मृत घोषित कर दिया, जबकि नेहा की सांस चलती मिली। इसके बाद चिकित्सकों ने हायर सेंटर रेफर कर दिया गया। रेफर करने के लिए एएलएस एंबुलेंस को बुलाने के लिए कहा, लेकिन एएलएस एंबुलेंस वीआईपी कार्यक्रम के चलते नहीं आई। इसलिए बाद में नेहा को 108 एंबुलेंस से ही राजकीय मेडिकल कॉलेज भेजा गया।

मंत्री जैसे ठाठ-बाट से रहता था योगेश
गांव में योगेश रोहिला ने घर के पास ही कैंप कार्यालय बना रखा था। कैंप कार्यालय को देखने से लगता है कि उसके ठाठ-बाट किसी विधायक, सांसद या मंत्री से कम नहीं थे। कार्यालय के अंदर तमाम बड़े नेताओं के फोटोग्राफ लगे हुए थे। उसने बुलेट और बोलेरो गाड़ी भी ले रखी थी। उसके साथ गाड़ी का ड्राइवर और डायरी लेकर चलने वाला सहायक भी मौजूद रहता था। उसके पास एक लाइसेंसी रिवाल्वर था। उसी लाइसेंसी रिवाल्वर की दो मैगजीन से उसने अपनी पत्नी और बच्चों को गोलियां मारी।
ग्रामीण बोले, योगेश ने काफी लोगों पर करा रखे हैं मुकदमे दर्ज
गंगोह। सांगाठेड़ा में हुए हत्याकांड के बाद जहां परिवार खून के आंसू रो रहा है, वहीं ग्रामीणों के दिलों में योगेश के गिरफ्तार होने के बाद भी उसका डर बना हुआ है। आरोपी योगेश के खौफ का असर अब भी गांव में देखा जा सकता है।