अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज, पुलिस जांच में जुटी
आदर्श मंडी थानाक्षेत्र में शामली-सहारनपुर हाईवे पर अज्ञात वाहन से कुचलकर बाइक सवार दो सगे भाइयों नितेश सैनी उर्फ मोंटी (22) व कृष (18) की मौत हो गई। पिता आनंद किशोर की तरफ से अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ थाने पर रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।

थानाभवन क्षेत्र के गांव मंटी हसनपुर निवासी दोनों भाई रविवार सुबह करीब साढ़े चार बजे बाइक से मेरठ जाने के लिए घर से निकले थे। कृष की मेरठ में एनडीए की प्रवेश परीक्षा थी। उसे परीक्षा दिलाने के लिए नितेश बाइक से लेकर जा रहा था। करीब साढ़े पांच बजे आदर्श मंडी थानाक्षेत्र में हाईवे पर सिक्का और शामली के बीच पहुंचे तो किसी वाहन ने बाइक में टक्कर मार दी। टक्कर लगने से दोनों भाई सड़क पर गिर गए और कुचले जाने से मौके पर ही मौत हो गई। हादसे में उनकी बाइक भी क्षतिग्रस्त हो गई। आरोपी चालक वाहन समेत भाग गया। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और जांच पड़ताल की। पुलिस की सूचना पर परिजन पहुंचे। मृतकों के चाचा संजय ने बताया कि उन्होंने आसपास लोगों से जानकारी की तो डंपर की टक्कर से दोनों भाइयों की मौत होना बताया गया है।

अूधरा रह गया पुलिस और फौज में भर्ती होने का सपना
गांव मंटी हसनपुर निवासी आनंद किशोर गांव मनट स्थित ईंट भट्ठे पर मुनीम का कार्य करते हैं। उनके दो ही पुत्र थे। इनके अलावा कोई संतान नहीं है। दोनों भाइयों का पुलिस और सेना में भर्ती होने का सपना अधूरा रह गया। मृतक भाइयों के चाचा संजय ने बताया कि नितेश ग्रेजुएशन करने के बाद यूपी पुलिस भर्ती की तैयारी कर रहा था। उसका पुलिस में भर्ती होने का सपना था, जबकि कृष ने पिछले साल इंटर की परीक्षा पास की और एनडीए में भर्ती होने की तैयारी कर रहा था। नितेश ने हेलमेट लगाया हुआ था, लेकिन उससे भी जान नहीं बच सकी।

एक साथ उठी दोनों की अर्थी तो बहने लगे आंसू
रविवार दोपहर बाद पोस्टमार्टम के बाद दोनों के शव घर पहुंचे तो मां व अन्य परिजन बिलख उठे। दोनों भाइयों की एक साथ अर्थी उठी तो ग्रामीणों की आंखों नम हो गईं। हर किसी की आंखो में आंसू थे।
मां अमिता बार-बार बेहोश हो रही थी। महिलाएं उन्हें संभालने की कोशिश कर रही थीं। बार-बार वह अपने पुत्रों को याद करके रोते बिलखते हुए यही कह रही थी कि अब वह किसके सहारे जिएगी। उसकी तो दुनिया ही उजड़ गई। दोनों भाइयों की मौत के बाद पूरे गांव में शोक छाया रहा। गमगीन माहौल में दोनों शवों का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान ग्रामीण, रिश्तेदार और परिचित बड़ी संख्या में मौजूद रहे।