जेएस यूनिवर्सिटी पर कानूनी शिकंजा, पुलिस ने सौंपा नोटिस, जांच तेज
राजस्थान में फर्जी डिग्री केस में फंसे जेएस यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति डॉ. सुकेश यादव एवं रजिस्ट्रार नंदन मिश्रा की मुसीबतें अभी कम नहीं हुई हैं। जयपुर एसओजी की कार्रवाई के बाद अब गारेखपुर पुलिस टीम ने भी शिकोहाबाद स्थित यूनिवर्सिटी पहुंचकर फर्जी डिग्री मामले की जांच शुरू कर दी है। गोरखपुर पुलिस के उप निरीक्षक ने यूनिवर्सिटी प्रशासन को नोटिस रिसीव कराया है।

जेएस यूनिवर्सिटी की राजस्थान में बीपीएड की फर्जी डिग्रियां पकड़ी गई थीं। जयपुर एसओजी ने कार्रवाई करते हुए कुलाधिपति, रजिस्ट्रार एवं जयपुर के दलाल अजय भारद्वाज को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। वहीं इससे पूर्व गोरखपुर में एसपी सिटी अभिनव त्यागी के निर्देशन में खोराबार पुलिस टीम ने बेलावर पीएचसी में तैनात रहे आयुष डॉक्टर राजेश कुमार एवं उसके सहयोगी सुशील चौधरी को गिरफ्तार किया था। आयुष डॉक्टर से एमबीबीएस, डी-फार्मा समेत कुल 19 फर्जी डिग्रियां एवं उसके सहयोगी के पास से दो डिग्रियां बरामद हुई थीं। जिनमें से कुछ डिग्रियां आरोपी डॉक्टर ने जेएस यूनिवर्सिटी शिकोहाबाद से बनवाईं थीं। इसके बाद जेएस यूनिवर्सिटी गोरखपुर पुलिस के रडार पर आ चुकी है।

मंगलवार को खोराबार थाने से मामले की जांच करने के लिए उप निरीक्षक शिवम यादव शिकोहाबाद थाने पहुंचे। उन्होंने इंस्पेक्टर शिकोहाबाद प्रदीप कुमार से जानकारी ली। इसके बाद जेएस यूनिवर्सिटी जांच के लिए पहुंचे। जहां उन्होंने कोई भी प्रशासनिक अधिकारी नहीं मिला। वह प्रशासनिक भवन में नोटिस रिसीव कराकर वापस लौट गए। गोरखपुर में यूनिवर्सिटी की पकड़ी गईं डिग्रियों की जांच करने पहुंचे उप निरीक्षक शिवम यादव ने बताया कि मुझे कोई भी प्रशासनिक अधिकारी यूनिवर्सिटी कैंपस में मौजूद नहीं मिला था। इसके चलते यूनिवर्सिटी को नाेटिस थमा दिया है। दो दिन बाद यूनिवर्सिटी जाऊंगा। जांच रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों को भेजी जाएगी।