डर से कमरे में खुद को किया लॉक, मदद के लिए चिल्लाता रहा अक्षय
Saharanpur Murder Case : सहारनपुर के सांगाठेड़ा गांव में हुए जघन्य हत्याकांड में आरोपी योगेश के चचेरे भाई अक्षय रोहिला ने बड़ा खुलासा किया है। शोर मचाने पर आरोपी ने अपने चचेरे भाई अक्षय को भी मारने के लिए पिस्टल लेकर उसकी तरफ दौड़ा था। बकौल अक्षय, पहली गोली की आवाज सुनने के बाद जब मैं मोमटी के रास्ते नीचे आने की कोशिश कर रहा था, तब नीचे सीढ़ियों का दरवाजा बंद था। काफी चिल्लाया कि भाई ऐसा मत कर, लेकिन तैश में आकर योगेश उसकी तरफ भी पिस्टल लेकर दौड़ पड़ा। किसी तरह अपनी जान बचाई। डर के कारण मैंने खुद को अंदर से लॉक कर लिया और शीशे तोड़कर मदद के लिए चिल्लाने लगा। इस दौरान मेरे दोनों हाथों में चोटें आईं। अक्षय ने बताया कि योगेश ने नीचे कमरे के मेन गेट का अंदर से ताला लगा रखा था, जिससे परिवार का कोई भी सदस्य बाहर न भागने पाए। पूरे योजनाबद्ध तरीके से हत्याकांड को अंजाम दिया गया। यहां तक कि चारों को गोली मारने के बाद उसने पिस्टल को दोबारा लोड किया और हाथ में रखा। उसे डर था कि कोई उसके साथ मारपीट न कर दे।

मानसिक रूप से बीमार नहीं, शातिर दिमाग है योगेश मास्टर विनोद
योगेश के चाचा मास्टर विनोद रोहिला ने बताया कि लोग उसे मनोरोगी कह रहे हैं, लेकिन सच्चाई इससे कोसों दूर है। वह कई दिनों से इस घटना की योजना बना रहा था। अगर वह मानसिक रूप से अस्थिर होता, तो उसे यह कैसे समझ आता कि पुलिस उसे जनता के बीच से लेकर जाएगी तो लोग उसे मार सकते हैं। इसी डर के चलते उसने पुलिस अधिकारियों से शॉर्टकट रास्ते से ले जाने की गुहार लगाई। यह उसकी चालाकी और बुजदिली को दर्शाता है।
चाची ने भी मानसिक बीमारी की बात सिरे से नकारी
योगेश की चाची मीना ने भी उसकी मानसिक बीमारी की बात को सिरे से नकारते हुए बताया कि पहली पत्नी की मृत्यु के बाद उन्होंने ही रिश्तेदारों के माध्यम से कैराना की नेहा से शादी कराई थी, जिससे वंश आगे बढ़ सके। क्या पता था कि जिस परिवार की खुशियों को बनाए रखने के लिए वह प्रयास कर रही थीं, वही व्यक्ति एक दिन पूरे परिवार का सर्वनाश कर देगा।

‘नेहा में कोई दोष नहीं था’
अक्षय ने नम आंखों और रुंधे गले से उस भयावह मंजर को बयां किया। बताया कि परिवार के लोग हमेशा योगेश को समझाते थे कि नेहा सादगी और ईमानदारी की मिसाल है। वह बातों को अनसुना कर देता था और हमें ही भला-बुरा कहने लगता था। मेरी भाभी में कोई दोष नहीं था। वह रोज मंदिर जाती थीं और पूजा-पाठ में लीन रहती थीं।
51 घंटे बाद जिंदगी की जंग हार गई नेहा
सहारनपुर के सांगाठेड़ा गांव में तीन बच्चों की चिताएं अभी ठंडी नहीं हुई थीं कि उनकी मां नेहा ने भी दम तोड़ दिया। 51 घंटे तक नेहा जिंदगी के लिए अस्पताल में लड़ती रही। दो दिन से चंडीगढ़ पीजीआई में इलाज चल रहा था। देर रात सांगाठेड़ा गांव में शव पहुंचा। 22 मार्च को सांगाठेड़ा गांव में भाजपा नेता योगेश रोहिला ने शक व गुस्से में अपनी पत्नी नेहा, बेटी श्रद्धा, बेटों देवांश व शिवांश को गोली मार दी थी। सभी के सिर में गोली मारी गई थी। श्रद्धा, देवांश व शिवांश की मौत हो गई थी, जबकि उनकी मां नेहा को जिला अस्पताल से गंभीर हालत में हायर सेंटर रेफर कर दिया गया था।

परिजनों ने उसे चंडीगढ़ पीजीआई में भर्ती कराया था। वहां चिकित्सकों ने उन्हें बचाने का काफी प्रयास किया। नेहा पीजीआई में वेंटिलेटर पर थी। उसे लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था और उसकी हालत स्थिर बनी हुई थी। करीब 51 घंटे तक तक मौत से जूझने के बाद सोमवार शाम नेहा ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। गांव में खबर मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। नेहा की बहन रीना और रश्मि का रो-रोकर बुरा हाल है। गांव के लोग दोनों बहनों को सांत्वना दे रहे हैं।
नेहा की दादी बोली- उसे तो फांसी होनी चाहिए
मेरी नेहा ने किसी का क्या बिगाड़ा था। उन मासूम बच्चों का क्या कसूर था जो इतनी बेरहमी से इन सबकी जान ले ली। उनके हत्यारे को तो फांसी होनी चाहिए। यह कहना था कैराना तीतरवाड़ा चुंगी पर रहने वाली नेहा की दादी शकुंतला का। आंखों से आंसू लिए बुजुर्ग दादी का बुरा हाल है। शनिवार को नगर के तीतरवाड़ा चुंगी निवासी रजनीश रोहिला की बहन नेहा और उसके बच्चों शिवांश, देवांश व श्रद्धा को नेहा के पति योगेश निवासी गांव सांगाठेडा थाना गंगोह जनपद सहारनपुर ने लाइसेंसी पिस्टल से गोली मार दी थी। तीनों मासूम बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि सिर में गोली लगने से नेहा गंभीर रूप से घायल थी। वह चंडीगढ़ पीजीआई में जिंदगी के लिए जंग लड़ रही थी। उसके परिजन भी वहां मौजूद थे।