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चार मासूमों की नृशंस हत्या, पिता ने कैसे दिया खौफनाक अंजाम? जांच में सामने आई दर्दनाक सच्चाई

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तीन बेटियां और एक बेटे की नृशंस हत्या, गड़ासा से वार कर उतारा मौत के घाट

यूपी के शाहजहांपुर स्थित गांव मानपुर चचरी में एक पिता ने धारदार हथियार से अपने चार बच्चों की निर्ममता से हत्या कर दी। वारदात के बाद उसने फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। मरने वाले बच्चों में तीन बेटियां और एक बेटा है। बुधवार को हुई इस घटना में मारे गए बच्चों और कातिल पिता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई है। इस रिपोर्ट में पिता राजीव द्वारा की गई निर्दयतापूर्वक हत्या का पूरा ब्योरा है। राजीव ने एक-एक कर बच्चों का मुंह दबाया फिर गड़ासा से वार कर मौत के घाट उतार दिया। 

दो बेटियों की गर्दन पीछे से कटी थी, जबकि दो बच्चों की आगे से
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक, गड़ासे का एक ही वार किया गया था। कीर्ति और प्रगति पेट के बल लेटी हुई थीं। उनकी गर्दन पीछे से कटी हुई थी। स्मृति और ऋषभ का सामने से गला कटा हुआ था। गड़ासे को उसने चारपाई पर ही रख दिया। संभावना है कि बेड को खड़ा करने के बाद स्लैब पर चढ़कर साड़ी को कुंडे में फंसाकर फंदे से लटक गया। उसके हाथ खून से रंगे हुए थे।

रात 12 बजे तक जिंदा थे सभी
राजीव की बड़ी बेटी 13 वर्षीय स्मृति गांव के स्कूल में कक्षा आठ और कीर्ति (नौ वर्ष) कक्षा पांच में पढ़ती थी। बताया जा रहा है कि रात करीब 11 बजे बेटी कीर्ति अपने दादा पृथ्वीराज के पास आकर लेटी तो राजीव उसे उठाकर कमरे में ले गया और दरवाजा बंद कर लिया। छोटी बेटी प्रगति (सात वर्ष) और बेटा ऋषभ (पांच वर्ष) पहले से ही चारपाई पर सो रहे थे। रात 12 बजे तक पृथ्वीराज ने शौचालय के टैंक के ऊपर से झांककर देखा तो बच्चे चारपाई में मच्छरदानी के अंदर सो रहे थे।

दादा की आंखों देखी 
पृथ्वीराज के मुताबिक, रात में चारों बच्चों के साथ राजीव घर में सोया था। बृहस्पतिवार सुबह सात बजे उन्होंने पौत्र को चाय पीने के लिए बुलाया। काफी देर बाद भी कोई जवाब नहीं मिला तो वह बाहर बने शौचालय से चढ़कर घर में दाखिल हुए। अंदर एक चारपाई पर स्मृति, दूसरी पर ऋषभ, तीसरी पर कीर्ति और प्रगति के लहूलुहान शव पड़े थे। चारों के गले रेते गए थे। वारदात से पहले दिन में ही उसने अपनी पत्नी कौशल्या को पीटकर घर से भगा दिया था।

रिश्तेदारों ने दिखाई दरियादिली पर राजीव को नहीं हुई बर्दाश्त
परिवार की गरीबी और राजीव की मानसिक स्थिति को देखते हुए रिश्तेदार उनके बच्चों को पालने के लिए तैयार थे, पर राजीव को यह मंजूर नहीं था। कुछ समय पहले राजीव का बहनोई राजकुमार उसकी बेटी कीर्ति को अपने शाहबाद स्थित घर ले गया था। इस पर राजीव ने उसे कई बार कॉल की। कहा कि बेटी को वापस छोड़ जाओ, वरना तुम्हारे घर में आग लगा देंगे। इसके बाद राजकुमार कीर्ति को घर छोड़ गए थे।

चार बच्चों और पति को खोने के बाद बदहवास है कौशल्या 
पोस्टमॉर्टम हाउस पर आईं कौशल्या की सगी बहन सावित्री भी भांजों की हत्या से काफी आहत थी। गोद में अपने बेटे को लिए मदनापुर के दौलतपुर से आई सावित्री ने बताया कि पूर्व में एक फोन कौशल्या के पास था, जिसे राजीव ने तोड़ दिया था। अब उससे बात तक नहीं हो पाती थी। पड़ोसियों को कॉल कर हालचाल लेते थे। चार बच्चों और पति को खोने के बाद कौशल्या बदहवास हैं। उसे इस बात का पछतावा है कि जाते समय वह बच्चों को साथ क्यों नहीं ले गई? साथ ले जाती तो शायद उनकी जान न जाती। उसने इसकी पूरी कोशिश भी की थी। घर से निकलते वक्त बेटे को गोद में उठाया तो राजीव ने छीन लिया। उसे 20 रुपये का नोट और खिलौने देकर पुचकारने लगा था।

Jarees malik

Sarkar Ki Kahani
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