पुलिस के सामने तोड़फोड़ और बवाल, लेकिन अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं
राणा सांगा पर दिए बयान पर समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन के आवास पर क्षत्रिय करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने हमला किया था। पुलिस के सामने तोड़फोड़ और बवाल किया था। किरकिरी होने पर पुलिस ने दो मुकदमे कार्यकर्ताओं के विरुद्ध दर्ज किए थे, लेकिन एक हफ्ते के बाद भी कार्रवाई के नाम पर पुलिस खामोश है। ओकेंद्र राणा तो दूर एक भी कार्यकर्ता को पूछताछ के लिए भी थाने नहीं बुलाया गया है। वहीं दूसरी ओर, सांसद का परिवार दहशत में है।

सांसद आवास पर की जमकर तोड़फोड़
सांसद रामजीलाल सुमन ने राज्यसभा में राणा सांगा पर विवादित टिप्पणी की थी। इसके बाद से ही क्षत्रिय संगठनों के निशाने पर आ गए। सोशल मीडिया पर तभी से इस बयान पर संग्राम छिड़ा हुआ है। 26 मार्च को क्षत्रिय करणी सेना के ओकेंद्र राणा ने एलान किया था कि सांसद रामजीलाल सुमन के घर पर धावा बोलेंगे। इस दिन शहर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी आए हुए थे। करणी सेना के कार्यकर्ता छलेसर से सैकड़ों गाड़ियों और बुलडोजर लेकर रामबाग तक पहुंचे थे। इसके बाद एमजी रोड पर पुलिस से झड़प के बाद भी सांसद के आवास पर पहुंचकर तोड़फोड़ और पथराव किया था। पुलिसकर्मी भी घायल हुए।

मामले में दर्ज हुए हैं दो केस
इस मामले में सांसद के पुत्र रणजीत सुमन ने अज्ञात हमलावरों के विरुद्ध जानलेवा हमले और तोड़फोड़ का केस दर्ज कराया था। पुलिस की ओर से दरोगा ने ओकेंद्र राणा और उसके साथियों के विरुद्ध केस थाना हरीपर्वत में दर्ज कराया। दोनों ही केसों को एक हफ्ता गुजर गया है। सांसद के परिवार को लगातार धमकियां मिल रही हैं। लेकिन अभी तक पुलिस ने आवास पर हमला करने वाले कार्यकर्ताओं से पूछताछ करना तक मुनासिब नहीं समझा है।
ओकेंद्र राणा को गिरफ्तार नहीं कर पाई पुलिस
ओकेंद्र राणा सोशल मीडिया पर है मगर कमिश्नरेट की पुलिस की रडार के बाहर है। दो केसों में एक भी गिरफ्तारी नहीं कर पाई है। उधर, क्षत्रिय संगठनों ने 12 अप्रैल को आगरा कूच करने का आह्वान करके पुलिस का सिरदर्द बढ़ा दिया है इस संबंध में डीसीपी सिटी सोनम कुमार का कहना है कि टीमें गठित हैं। कई बार दबिश दी जा चुकी हैं। जल्द ही नतीजा सामने आएगा।