रुपयों के लालच में वारदात में शामिल हुआ युवक, पूछताछ में पुलिस के हाथ नहीं लगे ठोस सबूत
प्रयागराज के वायुसेना कैंपस में कमांडर वर्क इंजीनियर (सीडब्ल्यूई) सत्येंद्र नारायण मिश्रा(51) की हत्या का खुलासा हो गया। लेकिन, मामले में दो लोगों की भूमिका को लेकर अब भी राज बना है। इनमें से एक वह युवक है, जो हत्यारोपी सौरभ संग वारदात के 15 दिन पहले अफसर के घर चोरी की नीयत से पहुंचा था। साथ ही दूसरा वह तस्कर है, जिसने असलहे मुहैया कराए। पुलिस ने हत्यारोपी के साथ ही उस युवक को भी हिरासत में लिया था, जो 15 दिन पहले घटना में आरोपी संग था। पूरामुफ्ती के ही रहने वाले युवक से पुलिस ने लंबी पूछताछ की। हालांकि, बाद में उसे छोड़ दिया गया। सूत्रों का कहना है कि पूछताछ में वह यही कहता रहा कि उसे रुपयों का लालच देकर सौरभ साथ ले गया था।

पुलिस ने नहीं किया नाम का खुलासा
कत्ल की प्लानिंग के बारे में उसे कोई जानकारी नहीं थी। फिलहाल, उसके कत्ल में शामिल होने के संबंध में कोई साक्ष्य पुलिस को नहीं मिला। इसके बाद उसे छोड़ दिया गया। हालांकि, अब तक उसके नाम का पुलिस ने खुलासा नहीं किया है। न ही उसके खिलाफ कोई कार्रवाई हुई है।
प्रतिबंधित क्षेत्र में अनाधिकृत प्रवेश पर क्यों नहीं हुई कार्रवाई
एक सवाल यह भी है कि कत्ल की वारदात में शामिल होने संबंधी साक्ष्य न मिलने के बाद भी प्रतिबंधित क्षेत्र में अनाधिकृत तरीके से प्रवेश पर उसके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हुई। दरअसल, वायुसेना परिसर में बिना सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के प्रवेश करना प्रतिबंधित है। यह निषिद्ध क्षेत्र है, जहां अनाधिकृत तरीके से प्रवेश करना दंडनीय अपराध है। इसमें शासकीय गुप्त बात अधिनियम 1923 के तहत मुकदमा दर्ज कर संंबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाती है।

माफिया के गढ़ में कौन कर रहा असलहों की तस्करी
इस मामले में एक और शख्स जिसे लेकर अब तक कोई जानकारी पुलिस ने नहीं दी है, वह तस्कर जिसने हत्यारोपी को तमंचा व पिस्टल सप्लाई की। घटना में देसी पिस्टल और कारतूस के अलावा एक तमंचा भी प्रयुक्त हुआ। हालांकि, गोली पिस्टल से ही चलाई गई। खुलासे के दौरान अफसरों ने बताया था कि पूछताछ के दौरान हत्यारोपी सौरभ ने कबूला था कि उसने 40 हजार में पिस्टल खरीदी थी। अफसराें ने तस्कर को चिह्नित कर लेने का भी दावा किया था। हालांकि, अब तक उसे गिरफ्तार नहीं किया जा सका है।
चोरी करने पहुंचे युवक ने की थी कमांडर वर्क इंजीनियर की हत्या
भारतीय वायुसेना के बमरौली स्थित मध्य वायु कमान मुख्यालय परिसर में कमांडर वर्क इंजीनियर सत्येंद्र नारायण मिश्र (51) की हत्या के मामले का सोमवार को खुलासा हो गया। पुलिस का दावा है कि चोरी की नीयत से पहुंचे बदमाश ने वारदात अंजाम दी। वारदात की साजिश में वायुसेना कैंपस में अफसरों के घरों में काम करने वाले उसके माता-पिता भी शामिल थे। तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। अपर पुलिस आयुक्त अपराध डॉ. अजयपाल शर्मा ने बताया कि आरोपी सौरभ कुमार उर्फ बाबू पासी वायुसेना परिसर से लगभग 1.5 किमी दूरी पर स्थित लाल बिहारा गांव की बस्ती में रहता है। उसकी मां सुनीता और पिता शिवकुमार वायुसेना परिसर में संविदा कर्मचारी हैं। पिता सफाईकर्मी है, जबकि मां घरों में काम करती है।

नाकाम रहने पर गोली मारकर की हत्या
सौरभ ने पूछताछ में बताया कि उसकी मां पहले एक-दो बार कमांडर वर्क इंजीनियर के घर जा चुकी थी। एक साल पहले तक वह भी वायुसेना परिसर में ठेके पर मजदूरी करता था। एक बार लकड़ी का मंदिर पहुंचाने वह भी अफसर के घर जा चुका था। यह भी बताया कि उसका बड़ा भाई हनी उर्फ गौतम 25 जनवरी को कौशाम्बी में हुई हत्या के मामले में वहां की जेल में बंद है। उसे छुड़ाने के लिए परिवार को रुपयों की जरूरत थी। अफसर का घर वायुसेना परिसर की बाहरी दीवार से 10-15 मीटर की दूरी पर है। उसे लगा कि वहां उसे 10 लाख तक नकदी मिल जाएगी। उसने घर में चोरी की साजिश रची। इसमें अपने मां-बाप को भी शामिल कर लिया। उसने साजिश के मुताबिक 29 मार्च की भोर में अफसर के घर पहुंचकर भीतर घुसने का प्रयास किया। नाकाम रहने पर गोली मारकर उनकी हत्या कर दी और वहां से भाग निकला।