सात साल बाद आया इंसाफ, न्यायालय ने दोषियों पर अर्थदंड भी लगाया
सात साल पहले बेटी के प्रेमी संजीव उर्फ सैंकी को जिंदा जलाकर मारने वाले गुलाब सिंह, उसके बेटों पम्मी, जॉनी उर्फ विशाल, सन्नी और एक अन्य राहुल को दोषी करार देकर अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। संजीव का जला हुआ शव गंगानगर थाना क्षेत्र के ललसाना गांव के जंगल में जली गई वैगनआर कार में मिला था। न्यायालय ने दोषी पर अर्थदंड भी लगाया है।एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने बताया कि 7 दिसंबर 2018 को विकास कुमार निवासी पूठी, परीक्षितगढ़ ने गंगानगर थाने पर अपने फुफेरे भाई संजीव उर्फ शैंकी निवासी जंधेड़ी, मवाना की हत्या का मामला दर्ज कराया था। बताया था कि संजीव का पल्लवपुरम निवासी गुलाब सिंह की बेटी के साथ प्रेमप्रसंग चल रहा था।

इसी कारण पल्लवपुरम फेस-2 डबल स्टोरी, मोदीपुरम निवासी गुलाब सिंह, उसके बेटों पम्मी, जॉनी उर्फ विशाल, सन्नी और राहुल पुत्र ओमवीर ने संजीव को बुलाकर उसे ललसाना के जंगल में ले जाकर उसकी वैगनआर कार में जिंदा जलाकर मार दिया। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पुलिस ने विवेचना कर पांचों के खिलाफ एक मार्च 2019 को आरोप पत्र न्यायालय प्रेषित किया था। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनते हुए गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर दोषी पाते हुए पांचों को सजा सुनाई।

न्यायालय ने दोषियों पर अर्थदंड भी लगाया
कोर्ट ने हत्या की धारा 302 में उम्रकैद, 10-10 हजार रुपये अर्थदंड और साक्ष्य मिटाने की धारा 201 में तीन वर्ष का कारावास व पांच-पांच हजार रुपये के अर्थदंड़ की सजा सुनाई है।