इंजीनियर मर्डर केस में नया मोड़, पुलिस की कहानी पर नहीं कर रहा परिवार भरोसा
मध्य वायु कमान कैंपस के भीतर कमांडर वर्क इंजीनियर सत्येंद्र नारायण मिश्रा की चोरी के लिए हत्या के पुलिसिया खुलासे पर पत्नी वत्सला मिश्रा ने सवाल उठाते हुए साजिशन वारदात बताया है। उन्होंने इसकी स्वतंत्र एजेंसी या एसआईटी से जांच कराने की मांग की है। कमांडर वर्क इंजीनियर की पत्नी वत्सला मिश्रा ने मीडिया को जारी बयान में कहा है कि वायु सेना स्टेशन बमरौली के आधिकारिक आवास में 29 मार्च की सुबह लगभग 3:15 बजे उनके पति की हत्या कर दी गई, जबकि यह अत्यधिक सुरक्षित सैन्य क्षेत्र का हिस्सा है। इससे पहले 14 मार्च की रात भी घुसपैठ की कोशिश की गई थी। इसके बाद उनके पति ने वायु सेना के अधिकारियों को सतर्क करते हुए अपनी सुरक्षा की चिंता जताई थी। औपचारिक रूप से सुरक्षा बढ़ाने का अनुरोध भी किया था।

पूर्व प्लानिंग के तहत वारदात को दिया गया अंजाम
पत्नी के मुताबिक, वायु सेना के अधिकारियों ने आश्वासन दिया था कि प्रकरण को आंतरिक रूप से संभाला जाएगा और परिसर की सुरक्षा को मजबूत किया जाएगा। उन्हीं की सलाह पर एफआईआर भी नहीं लिखाई थी। दुखद रूप से 29 मार्च की सुबह दोबारा घुसपैठ हुई। आरोपी ने दरवाजे की घंटी बजाई, दरवाजा काटने की कोशिश की और फिर पूर्व प्लानिंग के अनुसार खुद खिड़की के पास खड़ा हो गया। यह दर्शाता है कि हत्यारोपी को उनके पति की दिनचर्या का पता था। यह संभवतः पिछली बार पता की गई थी। पति जैसे ही बाहर जाने लगे, उन्हें खिड़की से गोली मार दी गई। पत्नी के मुताबिक, सबसे अधिक परेशान करने वाली बात यह है कि हत्या के बाद हमलावर किले बंद सैन्य अड्डे के अंदर से बिना किसी डर या जल्दबाजी के आराम से गया। हमलावर की हरकतें चोरी या डकैती के इरादे को नहीं दर्शातीं। यह पूर्व नियोजित हत्या का संकेत देती हैं। इस खुलासे की दोबारा जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी या विशेष रूप से गठित टीम से कराई जाए।

इंजीनियर के परिजनों ने अभी तक नहीं की बात: डीसीपी
डीसीपी नगर अभिषेक भारती का कहना है कि परिवारवालों ने अब तक इस संबंध में उनसे कोई बात नहीं की है। इसके पहले, अपर पुलिस आयुक्त (अपराध) डॉ. अजयपाल शर्मा ने बताया था कि इंजीनियर की हत्या का मुख्य आरोपी सौरभ कुमार उर्फ बाबू पासी है। इसमें वायु सेना अफसरों के यहां घरेलू काम करने वाली उसकी मां सुनीता और संविदा सफाई कर्मी उसके पिता शिवकुमार भी साजिशन शामिल हैं। तीनों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस का दावा है कि कौशाम्बी जेल में बंद भाई हनी उर्फ गौतम को छुड़ाने के लिए सौरभ ने 29 मार्च की भोर में अफसर के घर पहुंचकर भीतर घुसने का प्रयास किया। नाकाम रहने पर गोली मारकर उनकी हत्या करके भाग निकला।