गिरफ्त में आया समूह संचालक अशोक, पुलिस पूछताछ में खोले घोटाले के राज
आगरा में जननी सुरक्षा योजना में सेंधमारी करने वाले गिरोह बेहद शातिर है। ये स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के नाम से खाते खुलवाते थे। खाते में अपना फोन नंबर दर्ज कराते और यूपीआई से अपने खाते में रकम ट्रांसफर कर लेते थे। खातेदार को इसकी भनक तक नहीं लगती थी। पुलिस की पूछताछ में स्वयं सहायता समूह का संचालन करने वाले अशोक ने यह राज पुलिस के सामने खोला है। उसने बताया कि डाटा एंट्री ऑपरेटर गौतम सिंह, ब्लॉक कार्यक्रम प्रबंधक गौरव थापा और ब्लॉक लेखा प्रबंधक नीरज अवस्थी के साथ घोटाला करते थे।

समूह की महिलाओं को योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर जरूरी कागजात लेकर उनके नाम से खाता खुलवाते थे। इसमें अपना फोन नंबर दर्ज कराते और खातों की जानकारी-रिकाॅर्ड अपने पास रखते थे। ब्लाक कार्यक्रम प्रबंधक, लेखा प्रबंधक और डाटा ऑपरेटर की मदद से इनको पोर्टल पर अपलोड कर दिया जाता था। सत्यापित भी कर देते थे। खातों में जब प्रोत्साहन राशि आती तो इनके फोन पर संदेश आ जाता था। इसको यूपीआई के जरिये मनचाहे खातों में ट्रांसफर कर लेते थे। बाद में इसको बराबर बांट लिया जाता था। महिलाओं को उनके खाते में धनराशि आने की कोई जानकारी नहीं हो पाती थी।

सीएचसी पर योजना के मांगे रिकाॅर्ड
जेएसवाई में घोटाले सामने आने के बाद सभी 18 सीएचसी पर हुए प्रसव-नसबंदी की जांच शुरू हो गई है। इसमें सभी केंद्रों से रिकाॅर्ड तलब किए गए हैं। इनमें से 5 के आ चुके हैं, जिनमें कोई गड़बड़ी नहीं मिली है, बाकी के रिकॉर्ड की जांच की जा रही है।