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UP : तमंचा बना गवाह: बेटियों के कत्ल की कहानी पांच साल बाद फिर आई सामने

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पिता के पास से बरामद तमंचे से ही चली थीं बेटियों को लगी गोलियां

मैनपुरी कोतवाली के धारऊ गांव में 19 मार्च 2020 को दो सगी बहनों की गोली मारकर हत्या के केस की फाइल एफटीसी प्रथम कोर्ट में एक्शन मोड में आ गई है। आगरा एफएसएल से रिपोर्ट प्राप्त हुई है, जिसे पुलिस ने कोर्ट में पेश किया है। रिपोर्ट उक्त तमंचे की है, मृत बेटियों के पिता से पुलिस ने बरामद किया था। बैलेस्टिक जांच में यह खुलासा हुआ है कि मृतकाओं को लगी गोली उसी तमंचे से चलीं थीं।

ये थी घटना
एफटीसी कोर्ट में इस मामले में अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे संजीव चौहान ने माल भी साबित करा दिया है। 15 अप्रैल को विवेचक भानू प्रताप की गवाही की तिथि नियत है। बता दें कि शहर कोतवाली के गांव धारऊ निवासी सुखदेव शर्मा राजमिस्त्री है। रामलीला मैदान निवासी पवन शर्मा के साथ उसकी काफी दोस्ती थी। दोनों के परिवारों का एक-दूसरे के यहां काफी आना-जाना था। घटना से कुछ दिनों से वह पवन शर्मा के यहां प्लास्टर का काम किया था 18 मार्च 2020 को सुखदेव शर्मा की पत्नी रामा देवी पुत्री नेहा (19), अनामिका (18), पुत्र शिवेंद्र (12) पवन शर्मा के घर होली जोहारी करने गए थे। तभी पवन शर्मा की मां का मोबाइल फोन गायब हो गया था। पवन शर्मा के परिवार के लोग सुखदेव के बच्चों पर मोबाइल चोरी करने का संदेह जता रहे थे।

इसलिए कर दिया था दोनों बेटियों का कत्ल
सुखदेव ने अपनी दोनों बेटियों से फोन के बारे में काफी पूछा तो वे चोरी से इन्कार करती रहीं। 19 मार्च 2020 को सुखदेव ने फिर गहराई से बातचीत की तो दोनों बेटियों ने चोरी कबूल करते हुए मोबाइल फोन पिता को दे दिया। बेटियों की इस हरकत से सुखदेव आग बबूला हो गया। उसने दोनों के साथ बुरी तरह मारपीट की फिर घर से निकल गया। रात करीब 10:30 बजे घर लौटा। कमरे का दरवाजा बंद था। दोनों बेटियों की गोली मारकर हत्या कर दी और खुद ही पुलिस को सूचना दी थी। सुखदेव की पत्नी ने हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था।

Jarees malik

Sarkar Ki Kahani
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