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Moradabad : 117 करोड़ की साइबर ठगी पर सीबीआई की जांच, 2903 शिकायतों के बाद तीन आरोपियों को छोड़ा

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सीबीआई की जांच में नया मोड़: तीन आरोपियों को रिहा किया, साइबर गिरोह के सदस्य को दिल्ली तलब

117 करोड़ की साइबर ठगी के मामले में जांच कर रही सीबीआई ने कुंदरकी के अब्दुल्लापुर से हिरासत में लिए गए तीनों लोगों को पूछताछ के बाद छोड़ दियाे। अंतरराष्ट्रीय साइबर गिरोह से जुड़े जिस युवक की तलाश में पुलिस ने दबिश दी थी, उसे और उसके पिता को सीबीआई ने दिल्ली तलब किया है। टीम डेबिट कार्ड, बैंक पासबुक, वाईफाई, मोबाइल और लैपटॉप समेत अन्य सामान साथ ले गई। बुधवार को 100 लोगों की टीम के साथ सीबीआई ने गांव में छापा मारा था। नेशनल अपराध क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर 2023 में एक जनवरी से 17 अक्तूबर तक 2903 शिकायतें दर्ज हुई थीं। जिसमें 117 करोड़ रुपये की साइबर ठगी की बात सामने आई थी। गृह मंत्रालय ने सीबीआई को इस मामले की जांच सौंपी थी। जांच में सामने आया है कि दुबई में बैठे साइबर ठगों ने साइबर ठगी की यह रकम यूपी, बिहार, झारखंड समेत कई राज्यों के तीन हजार से ज्यादा खातों में भेजी गई थी। जांच में यह भी बात सामने आई कि मुरादाबाद और संभल में लोगों के खातों में भी ठगी की रकम भेजी गई थी।

साइबर ठगों के पास यह खाते कैसे पहुंचे, खाताधारक इस गिरोह में शामिल हैं या फिर उन्हें लालच देकर खातों का इस्तेमाल किया गया है, सीबीआई इसी सवाल की तलाश कर रही है। बुधवार की सुबह बैंक अधिकारियों और भारी पुलिस बल के साथ सीबीआई टीम ने गांव अब्दुल्लापुर के पांच घरों में छापा मारा था। टीम ने दो युवकों और साइबर ठगी के संदिग्ध युवक के पिता को हिरासत में लेकर पूछताछ की। फिर देर रात तीनों को छोड़ दिया। सीबीआई टीम जिस युवक की तलाश में आई थी, उसके पिता से बेटे को साथ लेकर दिल्ली आने को कहा। वहीं सीबीआई की कार्रवाई के दूसरे दिन बृहस्पतिवार को भी गांव की गलियों में सन्नाटा पसरा रहा। लोगों के बीच छापे की चर्चा होती रही।

गाजियाबाद में नौकरी के दौरान साइबर अपराधियों के संपर्क में आया युवक
अब्दुल्लापुर के जिस युवक की तलाश में सीबीआई जुटी है, वह गाजियाबाद में रहकर प्राइवेट नाैकरी करता था। इसी दौरान वह साइबर ठगों के संपर्क में आ गया। इसके बाद उसने गाजियाबाद से नौकरी छोड़ दी और गांव में आकर रहने लगा। इस दौरान उसने अपने संपर्क में अन्य लोग भी जोड़ लिए। सूत्रों का दावा है कि उसने ही लोगों के बैंक खाते साइबर ठगों तक पहुंचाए। युवक से पूछताछ में उसके संपर्क में रहने वाले अन्य लोगों के बारे में भी जानकारी मिल सकती है, इसलिए टीम उसकी तलाश में जुटी है। बताया जा रहा है कि युवक के गायब होने के बाद से तीन अन्य युवक भी गायब हैं। वह भी संदिग्ध साइबर ठग के संपर्क में रहते थे।

दो साल पहले युवक को ले गई थी कोलकाता और दिल्ली पुलिस
करीब दो साल पहले कोलकाता और दिल्ली पुलिस की टीमों ने अब्दुल्लापुर गांव में दबिश दी थी। उस समय टीम युवक को उठाकर अपने साथ ले गई थीं। तब भी करोड़ों रुपये की साइबर ठगी के मामले में युवक को पुलिस ने पकड़ा था। युवक पर आरोप है कि उसने लोगों को तीन से चार हजार रुपये का लालच देकर खाते खुलवाए थे।

बेटे पर ठगी के आरोप को बताया साजिश
गांव अब्दुल्लापुर निवासी एक ग्रामीण ने अपने बेटे पर साइबर ठगी करने के आरोप से इन्कार किया है। ग्रामीण का आरोप है कि उसके बेटे को फंसाया जा रहा है। उसने कोई साइबर ठगी नहीं की है। यह काम तो बड़े अपराधी ही कर सकते हैं। ग्रामीण ने जांच प्रक्रिया के बारे में कुछ भी बताने से इन्कार कर दिया। वहीं दूसरे ग्रामीण भी बैंक खातों में धनराशि आने की जानकारी पर चुप्पी साधे रहे, उनका कहना कि हमें इस बारे में पता नहीं हैं।

Jarees malik

Sarkar Ki Kahani
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