दो पक्षों के बीच हिंसक विवाद, पथराव में पांच लोग घायल, पुलिस की कड़ी कार्रवाई
डीजे की आवाज कम करने को लेकर सोमवार रात हुआ विवाद मंगलवार शाम तूल पकड़ गया। दो पक्षों के बीच विवाद के बाद एक पक्ष ने पथराव कर दिया। दूसरे पक्ष से पांच लोग घायल हुए हैं। घटना की जानकारी पर अपर पुलिस अधीक्षक समेत बड़ी संख्या में पुलिस कर्मी मौके पर पहुंच गए और स्थिति संभाल ली। बेहटा गोकुल थाना क्षेत्र के सुरजीपुर गांव में धानीबाबा का स्थान है। गांव के लोगों की श्रद्धा इससे जुड़ी हुई है।

सोमवार को गांव के ही उदयपाल ने ग्रामीणों के साथ मिलकर यहां रामायण का अखंडपाठ रखा था। देर रात गांव के लोग डा. आंबेडकर की जयंती पर रैली निकालते हुए रामायण स्थल के पास से निकल रहे थे। रैली में तेज आवाज में डीजे बज रहा था। इस पर अखंड पाठ कर रहे लोगों ने आपत्ति जताते हुए आवाज धीमी करने को कहा। इसी को लेकर दोनों पक्षों के बीच विवाद हो गया, लेकिन कुछ संभ्रांत लोगों ने दोनों पक्षों को शांत करा दिया। मंगलवार दोपहर अखंडपाठ पूरा होने पर शोभायात्रा निकाली जा रही थी। शोभायात्रा जब मानपुर भदेउना होते हुए गांव के पास प्राथमिक विद्यालय के निकट पहुंची तो दूसरे पक्ष के लेागों ने पथराव करना शुरू कर दिया। इसके कारण अफरा तफरी मच गई। घटना में अखंडपाठ कराने वालों में शामिल अंकुल (22), कृपाल (20), अनिल (30), विशेश्वर (55) और हर्षित (25) घायल हो गए। घटना का पता चलने पर अपर पुलिस अधीक्षक पश्चिमी मार्तण्ड प्रकाश सिंह, सीओ सिटी अंकित मिश्रा, सीओ हरपालपुर शिल्पा कुमारी मौके पर पहुंच गईं। कई थानों की पुलिस भी लगाई गई है। अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि घटना की जांच की जा रही है। तहरीर लेकर संबंधित लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की जाएगी।

गांव में तैनात रहेगी पीएसी आौर पुलिस
पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार जादौन ने बताया कि किसी को भी कानून व्यवस्था बिगाड़ने का मौका नहीं दिया जाएगा। एक प्लाटून पीएसी गांव में तैनात रहेगी। पुलिस लाइन से एक निरीक्षक, थाने से एक उपनिरीक्षक और चार सिपाही भी गांव में तैनात रहेंगे।
पथराव की थी आशंका इसलिए बदला था शोभायात्रा का रास्ता
अखंडपाठ के पूरा होने पर शोभायात्रा निकालने के लिए दूसरा रास्ता तय हुआ था। इस रास्ते में यासीनपुर और कटैया गांव पड़ते हैं। उक्त दोनों गांवों में बड़ी संख्या में सुरजीपुर के ग्रामीणों के ईंट पत्थर के साथ एकत्र होने की जानकारी अखंड पाठ के आयोजक उदयवीर सिंह को हुई थी। इस पर उन्होंने विवाद से बचने के लिए शोभायात्रा का रास्ता बदलकर मानपुर और भदेउना से कर दिया था। रास्ता बदलने की जानकारी होने के बाद दूसरे पक्ष के लोग गांव में ही स्कूल के पास एकत्र हो गए और फिर वहीं विवाद बढ़ गया।