70 दिन की शादी, और फिर आतंक: श्रीनगर में नवदंपति पर टूटा कहर
सात जन्मों तक का साथ निभाने का वायदा करने वाले नवदंपति के रिश्तों की डोर 70 दिन में ही टूट गई। आतंकियों के सामने पत्नी ऐशन्या अपने सुहाग को बचाने के लिए कुछ नहीं कर सकी। पति शुभम को छोड़ने के लिए हाथ जोड़े लेकिन दहशत के कारण मुंह से शब्द न निकल सके। आंखों के सामने पति की गोली मारकर हत्या देख आंखें फटी की फटी रह गईं। शुभम की हत्या के बाद से ऐशन्या और मां सीमा बदहवास हैं। दो महीने दस दिन बाद भी ऐशन्या के हाथों की मेहंदी अभी तक नहीं मिटी थी। पिता संजय और वहां मौजूद अन्य परिजन लगातार उन लोगों को हिम्मत दे रहे हैं। आर्मी के अधिकारियों ने श्रीनगर में एक होटल में मौजूद परिवार को पूरी मदद का आश्वासन दिया है।

फोन की घंटी बजते चौंक जाते
श्यामनगर स्थित संजय द्विवेदी के ड्रीमलैंड अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 201 में सन्नाटा पसरा हुआ है। वहीं, उनके भाई मनोज के कुछ दूरी पर स्थित विनायत इन्कलेव में रिश्तेदारों के साथ क्षेत्र के लोग पहुंच गए। सभी वहां पूरे घटनाक्रम के बारे में चर्चा करते रहे। घर की गमगीन महिलाएं रोती बिलखती रहीं। श्रीनगर से फोन की घंटी बजते ही लोग चौंक जाते हैं। हर कोई परिवार को ढांढस बंधाता नजर आया। वहीं इलाके में भी जगह-जगह लगी लोगों की भीड़ इसी घटना की चर्चा करती रही।
साल भर पहले परिवार की चार महिलाओं की हुई थी मौत
शुभम का संगठित परिवार है। परिवार वालों ने बताया कि शुभम के 18 चाचा-ताऊ हैं। अप्रैल 2024 में इस परिवार में एक बड़ा हादसा हुआ था। रूमा के पास स्थित नरवल मोड़ पर परिवार की चार महिलाएं सवारी का इंतजार कर रही थीं। इसी बीच अनियंत्रित वैन ने महिलाओं को कुचल दिया था, जिसमें चारों की मौके पर ही मौत हो गई थी। ये महिलाएं परिवार की ही थी।

गांव में पसरा सन्नाटा
शुभम की हत्या की जानकारी जैसे ही गांव पहुंची, परिवार में चीखपुकार मच गई। श्रीनगर से हत्या की जानकारी होते ही मृतक के चाचा मनोज द्विवेदी ने गांव में रह रहे पारिवारिक लोगों को जानकारी दी। गांव के पुशतैनी घर में तो सन्नाटा पसरा था, लेकिन इस घटना से हर कोई बेहद दुखी था। घटना की जानकारी पाकर काफी लोग श्यामनगर घर पहुंच गए।
परिवार का राजनीति से जुड़ाव
आतंकी हमले में मारे गए शुभम द्विवेदी के परिवार की महाराजपुर क्षेत्र में अच्छी खासी राजनैतिक पकड़ है। शुभम के चाचा मनोज ने बताया कि पिता चंदन प्रसाद द्विवेदी 1977 से 1995 तक 18 वर्ष हाथीपुर के प्रधान रहे। इसके बाद 1995 से लेकर 2005 तक चाचा सुभाष द्विवेदी प्रधान रहे। चचेरे भाई शैलेंद्र द्विवेदी भाजपा के वरिष्ठ नेता है। वहीं, विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना और पूर्व मंत्री अनंत मिश्रा अंटू से परिवार के बेहद करीबी रिश्ते हैं।

विधानसभा अध्यक्ष ने राज्यपाल से की बात
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने घटना की जानकारी होने के बाद जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल मनोज सिन्हा से फोन पर बात की। वहां के हालातों की जानकारी ली। साथ ही, कानपुर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग कॉलेज रूमा में पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ होने वाले वन नेशन-वन इलेक्शन कार्यक्रम को रद्द कर दिया। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा आतंकियों की इस कायराना करतूत का करारा जवाब दिया जाएगा।