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मेरठ: नशा मुक्ति केंद्र में दरोगा के पिता की नृशंस हत्या, दो मरीजों ने मिलकर दिया अंजाम

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नशा मुक्ति केंद्र की सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल, प्रशासन अलर्ट

देहरादून के नशा मुक्ति केंद्र कर्मा वेलफेयर सोसाइटी में भर्ती मेरठ के अजय कुमार की दो अन्य मरीजों ने हत्या कर दी। प्रेमनगर थानाक्षेत्र के मांडूवाला स्थित केंद्र में बृहस्पतिवार को वारदात को अंजाम दिया गया। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। फॉरेंसिक विशेषज्ञों ने घटनास्थल से साक्ष्य एकत्र किए हैं। अजय कुमार बरेली में तैनात दरोगा मयंक कुमार के पिता हैं। मांडूवाला के नवगांव ग्राम पंचायत में स्थित नशा मुक्ति केंद्र कर्मा वेलफेयर सोसाइटी में अजय कुमार (52) निवासी ग्राम जाहिदपुर हापुड़ रोड मेरठ को आठ अप्रैल को भर्ती कराया गया था। अजय कुमार को शराब की लत थी। इसी केंद्र में 31 मार्च को गुरुदीप सिंह और 13 अप्रैल को हरमनदीप सिंह को भर्ती किया गया था। बठिंडा (पंजाब) निवासी ये दोनों स्मैक के आदी हैं। 

पुलिस के मुताबिक बृहस्पतिवार सुबह नशा मुक्ति केंद्र में रिहैब की कक्षा चल रही थी। इसमें करीब 56 मरीज थे। करीब 10:30 बजे अजय ने सीने में दर्द होने की शिकायत की। इसके बाद उन्हें आराम के लिए कमरा नंबर आठ में भेज दिया गया। उस समय हरमनदीप रिहैब की कक्षा में ही मौजूद था, जबकि गुरुदीप बाहर था। अजय के कमरे में जाने के थोड़ी देर बाद ही गुरुदीप ने हरमनदीप को इशारा कर कक्षा से बाहर बुला लिया। दोनों उसी कमरे में चले गए, जहां अजय कुमार थे। करीब 10:45 बजे गुरुदीप और हरमनदीप ने अजय का मुंह तकिये से दबाकर चम्मच से उनकी गर्दन और सीने पर एक के बाद एक कई वार कर दिए, इससे अजय की मौत हो गई।

करीब पांच मिनट बाद एक कर्मचारी चाय लेकर पहुंचा तो अजय लहूलुहान जमीन पर पड़े थे। कर्मचारी ने सूचना केंद्र संचालक रविंद्र कुमार को दी। उनकी सूचना पर पहुंची पुलिस ने जांच की तो सीसीटीवी में हरमनदीप को इशारा कर रहा गुरुदीप दिखाई दिया। पूछताछ करने पर दोनों ने जुर्म कबूल लिया। पुलिस ने दोनों को हिरासत में ले लिया। पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने जांच की। शुक्रवार को शव का पोस्टमार्टम किया जाएगा। पुलिस हत्या का कारण दो दिन पूर्व मृतक और आरोपियों के बीच हुई कहासुनी को मान रही है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि घटना में संलिप्त दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। मृतक के परिजनों की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर किया गया है।

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अनहोनी का अंदेशा होता तो केंद्र में नहीं कराते भर्ती
अजय कुमार की हत्या की सूचना मिलते ही पत्नी पूनम और बेटे मयंक उर्फ आशु व जतिन के साथ अन्य परिजन देहरादून के लिए रवाना हो गए। घटना के बाद से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। परिजनों का कहना है कि यदि उन्हें अनहोनी का अंदेशा होता तो नशा मुक्ति केंद्र में अजय कुमार को भर्ती न कराते। जाहिदपुर गांव निवासी अजय कुमार की पत्नी पूनम खरखौदा के सरकारी स्कूल में शिक्षिका हैं। बड़ा बेटा मयंक कुमार यूपी पुलिस में दरोगा हैं और बरेली में एसएसपी ऑफिस में तैनात हैं। छोटा बेटा जतिन सुभारती हॉस्पिटल में नौकरी करता है। हत्या की सूचना मिलने पर परिजन शाम को देहरादून पहुंच गए। शुक्रवार को पोस्टमार्टम होगा। इसके बाद ही परिजन शव लेकर गांव के लिए रवाना होंगे। परिजनों के मुताबिक उनके एक परिचित ने देहरादून के नशा मुक्ति केंद्र के बारे में बताया था। इसके बाद आठ अप्रैल को उन्होंने अजय कुमार को केंद्र में भर्ती कराया था। अजय कुमार की मौत से गांव में भी शोक का माहौल है।

Jarees malik

Sarkar Ki Kahani
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