पुलिस पर बढ़ा दबाव, गुमराह करने के लिए बनाया गया था फर्जी वीडियो
आगरा के शिल्पग्राम के नजदीक ताजनगरी में रेस्तरां संचालक के भाई गुलफाम हत्याकांड के बाद सांप्रदायिक तनाव फैलाने की साजिश थी। आपत्तिजनक वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस दवाब में आ गई थी। वीडियो पुलिस को गुमराह करने के लिए बनाया गया था। अब पुलिस ने हत्याकांड की गुत्थी सुलझा ली है। ताजगंज के एक गांव के दो युवकों ने हत्या की है। उनकी पहचान हो गई है। दोनों घरों से फरार हैं।

यहां हुई थी वारदात
ताजगंज के कोलिहाई, संजय कालोनी निवासी गुलफाम की बुधवार की देर रात गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वह अपने चचेरे भाई शाहिद के रेस्तरां को बंद करने की तैयारी कर रहा था। तभी बाइक सवार तीन युवक आए थे। दो ने गोलियां चलाई थीं। एक गोली गुलफाम को लगी थी, जबकि दूसरी सैफ अली को लगी थी। हत्याकांड के बाद एक वीडियो वायरल किया गया, जिसमें दो युवकों ने सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की बात कहते हुए हत्या करने की बात कही थी। इस वीडियो के वायरल होने से पुलिस दवाब में आ गई। पुलिस ने वीडियो की सत्यता जानने और इसे डिलीट कराने के लिए मेटा से भी संपर्क किया था। अज्ञात दोनों युवकों के खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज की गई। मृतक के परिजन भी वीडियो को झूठा ही मान रहे थे।

सीसीटीवी में नजर आया संदिग्ध
पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने बताया कि घटना के बाद पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो तीन संदिग्ध नजर आ गए। हत्यारोपी एक बाइक पर आए थे। घटना से पहले एक युवक ने रेकी भी की थी। पुलिस हत्यारोपियों के घर तक पहुंची, तब तक वे फरार हो चुके थे। पुलिस को जानकारी मिली है कि दोनों हत्यारोपी राजस्थान की ओर भागे हैं। पुलिस को चकमा देने के लिए मोबाइल का इस्तेमाल भी नहीं कर रहे हैं। पुलिस ने उनके एक साथी को हिरासत में लेकर पूछताछ की। उसने पुलिस को गुलफाम से पुराना विवाद होने की बात बताई है। इंस्टा की आईडी से बनाए गए वीडियो को हटा दिया गया है। इस वीडियो को बनाने का मकसद पुलिस को गुमराह करना था।
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हत्यारोपियों के दोस्त भी भागे
हत्याकांड के बाद पुलिस ने ताजगंज के गांव में ताबड़तोड़ दबिश दी। हत्यारोपियों के तीनों घरों से परिजन भी भाग निकले। इसके बाद पुलिस ने दोस्तों को पूछताछ के लिए बुलाया। मगर पुलिस ने एक दोस्त को पकड़ा तो बाकी अपने घरों से भाग निकले।