पीड़ित युवक म्यांमार में बना बंधक, म्यांमार की सेना ने 600 युवकों को कराया आजाद
UP : पहली बार एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें साइबर ठगों ने एक युवक को अपने जाल में फंसा कर विदेश में काम दिलाने के नाम पर बंधक बना लिया। साइबर ठगों ने पीड़ित युवक को म्यांमार में ठगी के धंधे में लगाया। पीड़ित युवक को म्यांमार की सेना ने बंधन मुक्त कराया। इसके बाद पीड़ित अपने वतन वापस आ सका। सेना ने पीड़ित युवक सहित 600 युवकों को बंधन मुक्त कराया। मंसूरपुर थाना क्षेत्र निवासी जावेद को नौकरी की तलाश थी। 17 नवंबर 2024 को उसके पास एक लिंक आया, जिसमें विदेश में टाइपिंग का काम करने के लिए लिखा गया था। लिंक टेलीग्राम के माध्यम से मिला था। उसे बताया गया कि कर्मचारी के आने -जाने का खर्च भी कंपनी वहन करेगी। उसे अगले ही दिन थाईलैंड का एक टिकट भी भेज दिया गया। पीड़ित युवक 20 नवंबर को थाईलैंड चला गया।

थाईलैंड पहुंचने पर उसे वहां मिले लोगों ने म्यांमार भेज दिया। वहां पर उसे टाइपिंग का काम नहीं दिया गया। बल्कि क्रिप्टो करेंसी में निवेश कराने के धोखाधड़ी के काम में लगा दिया। युवक ने घर वापस भेजने के लिए कहा तो उसे बंधक बना लिया गया। घर भेजने के नाम पर उसे रुपये जमा कराने को कहा गया। किसी तरह जानकारी पाकर म्यांमार की सेना ने उसे बंधक मुक्त कराया। तीन माह म्यांमार में फंसे रहने के बाद पीड़ित युवक को भारत लाया गया। इसके बाद युवक अपने परिजनों के पास पहुंचा। एसपी सिटी सत्य नारायण प्रजापत ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है।
म्यांमार देश की सीमा पर चलता है ठगी का धंधा
पीड़ित युवक ने बताया कि ठगों ने उसे दो माह का टूरिस्ट वीजा दिलाया था, विश्वास कर वह चला गया। थाईलैंड से उसे व अन्य युवकों को अवैध तरीके से नदी पार कराकर म्यांमार ले जाकर सीमा के निकट बड़े अहाते में रखा गया। वहां पहले ही लगभग डेढ़ हजार युवक काम कर रहे थे।

वहां उसे क्रिप्टो करेंसी के ठगी के धंधे में लगाया गया। वहां सभी युवक कंप्यूटर पर काम करते थे। सभी का अलग-अलग वेतन था, उसे 800 डालर प्रतिमाह देते थे। उसने घर जाने के लिए कहा तो उससे खर्च के रुपये मांगे गए। एक माह का उसे वेतन नहीं दिया। किसी तरह म्यांमार की सेना सूचना पाकर वहां पहुंची। वापस जाने के इच्छुक युवकों से पूछा तो उसने भी हां कर दी। इसके बाद लगभग 600 लोगों को म्यांमार सेना ने मुक्त कराया। सभी अलग-अलग जगह के रहने वाले थे। उसे म्यांमार सेना ने भारतीय सेना को सौंप दिया। इसके बाद सेना के हवाई जहाज से गाजियाबाद एयरपोर्ट पर लाया गया। वहां सेना के अधिकारियों ने पूछताछ करने के बाद उसे घर भेज दिया।
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ये बरतें सावधानी
– लिंक भेजकर काम देने वालों से सतर्क रहें।
– कम समय में मोटा मुनाफा पाने के लालच में न आएं।
– ऑनलाइन जॉब या काम दिलाने वालों के झांसे में न आएं।