निहालखेड़ी गांव में विस्फोट के बाद 100 से 150 मीटर दूर बिखरे मिले शवों के टुकड़े
दिल्ली-देहरादून हाईवे स्थित निहालखेड़ी गांव में पटाखा फैक्टरी में भीषण विस्फोट हो गया। इसमें तीन कर्मचारियों की मौके पर मौत हो गई। विस्फोट इतना जबरदस्त था कि तीनों कर्मचारियों के शरीर के चीथड़े 100 से 150 मीटर दूर पेड़ों पर लटके और खेतों में पड़े मिले। परिजनों और पुलिसकर्मियों ने इन्हें समेटकर बोरों में भरा। घटना से गुस्साए ग्रामीणों ने हाईवे पर जाम लगा दिया। भीड़ की पुलिस के साथ हाथापाई हुई। इसमें एक दरोगा की वर्दी फट गई। पुलिस ने फैक्टरी मालिक और उसके दो बेटों को गिरफ्तार कर लिया है।

शनिवार सुबह साढ़े छह बजे हादसा हुआ। निहालखेड़ी गांव के बाहर नफीस की पटाखा फैक्टरी है। सुबह साढ़े आठ बजे शिफ्ट बदलने से पहले पटाखा फैक्टरी में विस्फोट हो गया। इससे फैक्टरी की बिल्डिंग धराशायी हो गई, जबकि काम कर रहे कई कर्मचारियों के शरीर के चीथड़े दूर तक फैल गए। वहां ग्रामीणों की भीड़ इकट्ठा हो गई। डीएम मनीष बंसल, एसएसपी रोहित सिंह सजवाण, एडीएम (ई) अर्चना द्विवेदी फोरेंसिक टीम के साथ मौके पर पहुंच गए। डीएम मनीष बंसल ने हादसे में तीन युवकों की मौत की पुष्टि की है।

इसमें फतेहपुर गांव निवासी रामकुमार का पुत्र राहुल उर्फ काका (24), गुनारसा गांव निवासी संदीप कुमार का पुत्र विशाल (25) और जड़ौदा जट्ट गांव निवासी राजबल का पुत्र विकास कश्यप (19) शामिल हैं। कई लोग घायल बताए गए हैं। इस घटना से गुस्साए ग्रामीणों ने सुबह नौ बजे दिल्ली-देहरादून हाईवे पर जाम लगा दिया। ग्रामीणों का आरोप था कि घटना के तुरंत बाद मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मियों ने शवों के अवशेष बोरों में भरकर पास ही रेलवे लाइन पर ले जाकर डाल दिए। इससे ग्रामीण भड़क गए। उनकी पुलिस के साथ हाथापाई भी हुई। इसमें मकबरा पुलिस चौकी इंचार्ज की वर्दी फट गई, जबकि निरीक्षक धर्मेंद्र कुमार के साथ भी हाथापाई की गई। पुलिस ने हल्का बल प्रयोग भी किया, जिसके बाद उचित कार्रवाई और मुआवजे का आश्वासन देकर साढ़े तीन घंटे बाद जाम खोला गया।