पेंशन घोटाले पर कार्रवाई शुरू, संबंधित अधिकारियों को सौंपी गई जिम्मेदारी
82 पेंशन धारक ऐसे हैं जो इस दुनिया में हैं ही नहीं, लेकिन उनके खाते में हर महीने पेंशन राशि जा रही है। यह आंकड़ा घर-घर जाकर किए जाने के सत्यापन में सामने आया है। मृतक और अपात्र पेंशनर्स का पता लगाकर पेंशन रोकी जाएगी। जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारी, खंड विकास अधिकारी और नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी है। मृतक पेंशन के बैंकों से जानकारी मांगी गई है। सत्यापन 25 मई तक पूरा होगा।

जिले में राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन के 14,881 लाभार्थी हैं। 4,503 दिव्यांग और 15,416 विधवा पेंशन धारक हैं। शासन स्तर से सभी पेंशनर्स का सत्यापन करके मृतक और अपात्र पेंशनर्स का पता लगाया जा रहा है। डीएम मनीष कुमार वर्मा ने उपजिलाधिकारी, खंड विकास अधिकारी, नगर पालिका या नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी को सत्यापन के निर्देश दिए हैं। 10 अप्रैल को प्रत्येक विभाग को पेंशन पाने वाले लोगों की सूची उपलब्ध कराई। वृद्धावस्था पेंशन धारकों के बैंक खातों में पेंशन समाज कल्याण विभाग भेजता रहा है। अभियान चलने पर गड़बड़ी का पता चला है। विभागीय अधिकारियों ने जिन बैंक खातों में पेंशन भेजी है। उन बैंकों को पत्र लिखकर लेन-देने की जानकारी मांगी है।

28 अप्रैल तक 14,881 पेंशन धारकों में से 5,214 का सत्यापन हुआ। इनमें 82 पेंशन धारक की मौत हो चुकी है, लेकिन प्रतिमाह एक हजार रुपये उनके बैंक खाते में पेंशन दी जाती है। इस हिसाब से छह माह में मृतक पेंशनधारकों को करीब 4.49 लाख रुपये पेंशन भेजी गई है। मृतक पेंशन धारकों का पता लगने के बाद जिला समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने बैंक से जानकारी मांगी है। इनमें पेंशन धारक की मृत्यु होने के बाद भी बैंक से पेंशन राशि निकाली गई है या खाते में ही जमा है। परिजनों ने बैंक को इसकी सूचना दी थी या नहीं।जिले प्रत्येक पेंशन धारक 25 मई तक हर हाल में सत्यापन किया जाएगा। सत्यापन में मृतक और अपात्र पाए जाने वालों की पेंशन रोक दी जाएगी। -सतीश कुमार, जिला समाज कल्याण अधिकारी, गौतमबुद्धनगर