UP : आयुष्मान योजना में धांधली पर कसा शिकंजा, जिलेवार निरीक्षण को रवाना होंगी विशेष टीमें

13 mins read

जिलेवार औचक निरीक्षण में आईसीयू भर्ती मरीजों की स्थिति पर रहेगी खास नजर

 निजी अस्पताल अब आयुष्मान मरीजों के नाम पर मनमानी बिलिंग नहीं कर पाएंगे। इसके लिए गोपनीय जांच टीमें गठित की गई हैं। ये टीमें जिलेवार औचक निरीक्षण करेंगी। खासतौर से इंटेसिव केयर यूनिट (आईसीयू) में भर्ती मरीजों की स्थिति देखेंगी। सामान्य मरीज को आईसीयू में भर्ती करने और मनमाने तरीके से दवा देने के प्रमाण मिले तो संबंधित अस्पताल की संबद्धता समाप्त की जाएगी। साथ ही उसका लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई भी शुरू होगी।

 प्रदेश में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान) के करीब आठ करोड़ और पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना के 15 लाख लाभार्थी हैं। इन्हें योजना से जुड़े 2949 सरकारी और 2885 निजी अस्पतालों में पांच लाख रुपये तक निशुल्क इलाज की सुविधा मिलती है। योजना के तहत लाभार्थियों को सुपर स्पेशियलिटी सुविधाएं भी दी जाती हैं। मरीजों के उपचार के बाद संबंधित अस्पताल खर्च का भुगतान करने के लिए स्टेट एजेंसी फॉर कंप्रिहेंसिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज (साचीज) को बिल भेजते हैं। पिछले दिनों जांच के दौरान कई अस्पतालों द्वारा बिलों में गड़बड़ी सामने आई। पाया गया कि जिस मरीज को आईसीयू में भर्ती ही नहीं किया गया, उसके बिल में आईसीयू का खर्च भी जोड़ दिया गया है।

 इसी तरह जिन मरीजों को आईसीयू की जरूरत ही नहीं थी, उन्हें भी आईसीयू में रखा गया। कुछ मरीजों को अलग-अलग नाम की कई मल्टीविटामिन सहित अन्य दवाओं को भी देने की रिपोर्ट भेजी गई। जबकि संबंधित मरीज को उन दवाओं की जरूरत ही नहीं थी। इन सभी प्रकरणों को देखते हुए अब साचीज की ओर से औचक निरीक्षण की रणनीति बनाई गई है। इसके लिए मंडलवार टीमें गठित की गई हैं। इनको घंटेभर पहले अस्पताल का नाम और वहां भर्ती मरीज के नाम दिए जाएंगे। यह टीम मौके पर पहुंच कर पूरी स्थिति की जांच करेगी।

 जांच टीम में अलग-अलग विधा के चिकित्सा विशेषज्ञ भी शामिल किए गए हैं। टीम की रिपोर्ट के आधार पर संबंधित अस्पताल के बिल का भुगतान होगा। साथ ही मनमानी पकड़ में आने पर संबंधित अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। विभागीय सूत्रों की मानें तो करीब तीन माह पहले बड़ी संख्या में निजी अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। विभिन्न आरोपों में 410 अस्पतालों की संबद्धता खत्म की गई है। मार्च और अप्रैल माह में भी करीब आधा दर्जन अस्पतालों के बिल में गड़बड़ी पाई गई है।

Jarees malik

Sarkar Ki Kahani
M: 9997411800, 9719616444

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Latest from Blog