//

आलिगढ़ हत्या कांड: 500 रुपये के विवाद में हत्या करने पर दोषी को उम्रकैद

13 mins read

महज 500 रुपये के लिए हत्या करने पर दोषी आसिफ को 40 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया

अलीगढ़ महानगर के सिविल लाइंस क्षेत्र में सुलेमान हॉल के सामने पांच वर्ष पहले दुकानदार अंसार अहमद की गोली मारकर हत्या के दोषी आसिफ को उम्रकैद से दंडित किया है। साथ में 40 हजार रुपये अर्थदंड भी नियत किया है। महज 500 रुपये के लिए की गई हत्या के मुकदमे में यह निर्णय एडीजे-14 अमित कुमार तिवारी की अदालत से सुनाया गया है। अभियोजन पक्ष के अनुसार घटना 28 नवंबर 2020 की देर शाम की है। वादी मुकदमा जमालपुर निवासी आफताब अहमद के अनुसार उनका भाई 32 वर्षीय अंसार अहमद उर्फ ठेकेदार सुलेमान हॉल के सामने शाही अंपायर मार्केट में नए-पुराने टायर बिक्री व टायर पंचर की दुकान करता था। 

घटना वाली दोपहर उसकी दुकान के सामने परिवार के साथ ढकेल पर बीड़ी सिगरेट बेचने वाला मोहल्ला कोठी आफताब मंजिल निवासी आसिफ भाई के पास पहुंचा। उसने किसी जरूरत के नाम पर 500 रुपये उधार मांगे। भाई ने उसकी गलत आदतों पर ध्यान देते हुए रुपये देने से मना कर दिया। इसके बाद शाम को फिर वह कहीं जाने के लिए बाइक मांगने पहुंचा। इस पर वह चिढ़ गया। कुछ देर बाद भाई व भांजा दुकान बंद कर घर जा रहे थे। तभी आसिफ ने पीछे से आकर यह कहते हुए अंसार के सिर में गोली मार दी कि उसने न तो रुपये दिए। फिर बाइक देने से भी इन्कार कर दिया। साथ में परिजनों से शिकायत भी कर दी। मेडिकल कॉलेज में अंसार को मृत घोषित कर दिया। मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपी को जेल भेजने व चार्जशीट की प्रक्रिया पूरी की। इसी मामले में सत्र परीक्षण में साक्ष्यों व गवाही के आधार पर दोषी करार देकर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अर्थदंड की आधी राशि पीडि़त पक्ष को देने के आदेश दिए हैं।

हत्या में प्रयुक्त हथियार रखने में बरी, मानी पुलिस लापरवाही
इस मामले में अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे एडीजीसी रविकांत शर्मा व हर्षवर्धन सिंह ने बताया कि पुलिस ने मुकदमे में प्रयुक्त हथियार बरामद करते हुए आरोपी पर एक मुकदमा आर्म्स एक्ट में भी दर्ज किया। जिसकी फर्द में बरामद हथियार का बोर जो था, उसकी फॉरेंसिक रिपोर्ट में हथियार का बोर कुछ अन्य था। अदालत में जो हथियार पेश किया गया, वह खुला हुआ व फायर योग्य न था। विवेचक ने गवाही में भी यह तथ्य स्वीकारा। इस आधार पर अदालत ने इसे पुलिस लापरवाही व कार्रवाई की संस्तुति योग्य मानते हुए आसिफ को आर्म्स एक्ट में बरी किया, जबकि चश्मदीदों की गवाही पर हत्या में दोषी करार देकर सजा सुनाई है।

Jarees malik

Sarkar Ki Kahani
M: 9997411800, 9719616444

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Latest from Blog